Gaur Gopal Das Fitness Diet Plan: मोटिवेशनल स्पीकर गौर गोपाल दास आज 51 साल के हो चुके हैं, लेकिन आज भी वह फिट और हेल्दी रहते हैं। वह अपनी उम्र से 10 साल छोटे दिखने के लिए कोई खास प्रयास नहीं करते, बल्कि उनका लाइफस्टाइल ही उनकी फिटनेस को अपने आप बनाए रखती है। कई लोग जानना चाहते हैं कि उनके चेहरे पर चमक, आत्मविश्वास, स्थिरता और फिटनेस के पीछे क्या जादू है। वह कोई महंगी डाइट प्लान फॉलो नहीं करते, न ही महंगे जिम जाते हैं। वह आम इंसान की तरह जीते हैं और अपने खानपान से लेकर लाइफस्टाइल का खास ध्यान रखते हैं। गौर गोपाल दास ने खुद अपने फिट और हेल्दी रहने का राज बताया है।
मोटिवेशनल स्पीकर गौर गोपाल दास के मुताबिक, वह पांच चीजों में विश्वास करते हैं। जिसमें भोजन, व्यायाम, ध्यान, मानसिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वच्छता। उन्होंने खुद जो ‘साधु’ जीवनशैली अपनाई है, वह आज के भागदौड़ भरे समय में हमें मानसिक शांति और स्वास्थ्य भी दे सकती है।
गौर गोपाल दास के अनुसार, भोजन करते समय वह मोबाइल, टीवी, चैटिंग से दूर रहते हैं और सिर्फ भोजन पर ध्यान देते हैं। भोजन को ठीक से चबाने से पाचन में मदद मिलती है और शरीर में इसका अवशोषण ठीक से होता है। इस तरह भोजन का संबंध केवल पेट तक ही सीमित नहीं रहता, बल्कि मन से भी जुड़ जाता है। यह न केवल स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, बल्कि मन की शांति के लिए भी अच्छा है। ऐसा भोजन खाने से अधिक खाने से बचा जा सकता है और पाचन क्रिया भी बेहतर होती है।
गौर गोपाल दास के अनुसार, वह सात्विक आहार का सेवन करते हैं। उन्हें तेल-मसालेदार, चटपटा, मसालेदार खाना खाने का मोह नहीं होता। उनका आहार सादा है, लेकिन पोषण में कमी नहीं है। सब्जियां, फल, अनाज और रोटी जैसे पारंपरिक खाद्य पदार्थ उनके आहार के मुख्य घटक हैं। उनके आहार से शरीर को जरूरी पोषण तो मिलता ही है, साथ ही मन हल्का और संतुष्ट रहता है। सात्विक भोजन का त्वचा, बाल और पाचन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
उन्होंने बताया कि पेट भरकर खाना गलत है। भोजन का 75 प्रतिशत ही खाना चाहिए। बाकी 25 प्रतिशत खाली रखने से पाचन क्रिया बेहतर होती है और शरीर पर तनाव नहीं पड़ता। वह 25-30 मिनट में शांति से खाना खाते हैं और अपने खाने को तब तक चबाते हैं जब तक वह पानी जैसा पतला न हो जाए। अगर आप इसे आदत बना लें तो आपका वजन नियंत्रण में रहता है, अपच से बचाव होता है और एनर्जी बनी रहती है।
गौर गोपाल दास का दिन सूर्योदय से पहले शुरू होता है। वह सुबह जल्दी उठते हैं और ध्यान, प्रार्थना, योग और सैर या साधारण व्यायाम करते हैं। इस दौरान वातावरण शांत, शांत और प्रेरणादायी होता है। सुबह के समय न केवल शरीर शारीरिक रूप से तैयार होता है, बल्कि मन भी शांत और एकाग्र होता है। यह आदत न केवल स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए, बल्कि मानसिक स्थिरता के लिए भी अमूल्य है।
गौर गोपाल दास कहते हैं कि जैसे खाना न पचने पर अपच हो जाता है, वैसे ही अवांछित सूचनाएं सिर पर तनाव बढ़ाती हैं। इसीलिए वह मेंटल डाइट का पालन करते हैं यानी नकारात्मक चीजों, हिंसक सामग्री, गपशप से खुद को दूर रखते हैं। वह कहते हैं कि जैसे हम अपने घर को साफ करते हैं, वैसे ही हमें अपने दिमाग को भी नियमित रूप से साफ करना चाहिए।
इसके अलावा हड्डियों की मजबूती के लिए खीरे के बीज का सेवन भी किया जा सकता है। खीरे के बीज ऑस्टियोपोरोसिस और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी हड्डियों की बीमारियों को रोकने के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं।