डायबिटीज मरीजों के लिए डाइट का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। डाइट में ऐसे फूड्स का सेवन करना जरूरी है जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम हो और जिसका सेवन करने से डायबिटीज कंट्रोल रहे। डायबिटीज मरीजों के लिए सब्जियों का सेवन बेहद उपयोगी साबित होता है। फाइबर रिच सब्जियों का सेवन करने से ब्लड में शुगर का स्तर तेजी से स्पाइक नहीं करता। डायबिटीज मरीजों के लिए कौन सा फूड फायदेमंद है और कौन सा नहीं है इसे जानने के लिए उस फूड की न्यूट्रिशन वैल्यू, PF VALUE, ग्लाइसेमिक इंडेक्स और ग्लाइसेमिक लोड चेक करना जरूरी है। ये सब पैरामीटर ठीक है तो डायबिटीज मरीज उस फूड को खा सकते हैं। बात करें करेला की तो ये एक ऐसी सब्जी है जिसका सेवन डायबिटीज मरीजों के लिए रामबाण माना जाता है।
करेले की न्यूट्रिशन वैल्यू की बात करें तो इसमें94 फीसदी पानी,कार्ब्स-3.7 फीसदी,प्रोटीन-1 फीसदी औरफैट 0.2 फीसदी होता है।
केरेले की PF VALUEइसमें 94 फीसदी पानी है तो बाकी चीजें इसमें कम है जो ब्लड शुगर पर कुछ खास असर नहीं कर सकता।
करेले का ग्लाइसेमिक लोड
Glycemic Load 1 से भी कम है। 100 ग्राम पके हुए करेले का ग्लाइसेमिक लोड 1 से भी कम होता है।
करेला का ग्लाइसेमिक इंडेक्स
करेले का Glycemic Index लगभग 18–32 है जो काफी कम माना जाता है।
करेले में मौजूद ये सभी गुण इस सब्जी को डायबिटीज रिवर्स फूड में एड कर सकते हैं। एक मीडियम साइज के करेले में फाइबर भरपूर होता है जो न सिर्फ पाचन को दुरुस्त करता है बल्कि डायबिटीज कंट्रोल करने में भी मदद करता है। करेले में पिपेरिन नामक सक्रिय तत्व पाया जाता है जो इंसुलिन का बेहतर उपयोग करने में मदद करता है और डायबिटीज को नार्मल करता है। आयुर्वेद में इस सब्जी को अमृत माना जाता है। इसका कड़वा स्वाद सेहत के लिए अमृत साबित होता है। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट आचार्य बालकृष्ण ने बताया डायबिटीज मरीज डाइट में करेले का सेवन करें ब्लड शुगर नॉर्मल रहेगा।
आयुर्वेद में करेले को एक ऐसी सब्जी माना जाता है जो औषधीय गुणों से भरपूर है। इस सब्जी को आयुर्वेद में “कटु रस” कहा जाता है यानी कड़वी सब्जी, जिसका सेवन करने से कफ और पित्त दोष का बैलेंस बना रहता है। कफ और पित्त दोष दोनों ही डायबिटीज से जुड़े हैं। करेला एक ऐसी औषधि है जो बॉडी से टॉक्सिन को बाहर निकालती है, खून को शुद्ध करती है और डायबिटीज कंट्रोल करती है। आयुर्वेद में करेले को ‘मधुनाशिनी कहा गया है। यह सब्जी पैंक्रियाज़ को उत्तेजित करती है जिससे इंसुलिन का नेचुरल तरीके से निर्माण होता है। ये सब्जी ब्लड शुगर कंट्रोल करने का रामबाण इलाज है।
डायबिटीज मरीज ब्लड शुगर नॉर्मल करने के लिए करेले का सेवन उसके जूस के रूप में,उसकी सब्जी बनाकर कर सकते हैं। डायबिटीज मरीज करेले को सुखाकर उसका चूर्ण बनाकर भी उसका सेवन कर सकते हैं।
करेला एक ऐसी सब्जी है जिसका सेवन करने से पाचन दुरुस्त रहता है। पानी से भरपूर ये सब्जी पेट की गैस,कब्ज और अपच जैसी स्थिति से राहत दिलाती है। करेला जठराग्नि को तेज करता है जिससे खाया पिया जल्दी पचता है। करेले का सेवन करने से लिवर की हेल्थ दुरुस्त रहती है। ये लिवर की सफाई करता है और लिवर से जुड़ी परेशानियों को दूर करता है। करेले में कैलोरी बेहद कम होती है जो वजन घटाने के लिए उम्दा है। इस सब्जी को खाने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और वजन घटाना आसान होता है। विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर ये सब्जी इम्यूनिटी को मजबूत करती है। खून से अशुद्धियों को दूर करने में करेला बेहद उपयोगी है। करेले का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल रहता है और दिल हेल्दी रहता है।
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