भारत मसालों से समृद्ध देश है, जिसका खान-पान देश और दुनिया भर में प्रसिद्ध है। भारतीय मसाले सिर्फ खाने का स्वाद और महक ही नहीं बढ़ते बल्कि औषधि का भी काम करते हैं। किचन में मौजूद कुछ मसालों का सेवन किया जाए तो मोटापा को कम किया जा सकता है, डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है और बीपी को भी नॉर्मल रखा जा सकता है। कलौंजी एक ऐसा मसाला है जिसे आयुर्वेद में अमृत कहा जाता है। अक्सर कलौंजी का इस्तेमाल हम आचार में, भर्ते में, सब्जी में और उसका पाउडर बनाकर करते हैं।

काला जीरे के बीज, कलौंजी और निगोला जैसे कई नामों से इन काले दानों को जाना जाता है। ट्रेडिशनल मेडिसिन के तौर पर इस्तेमाल होने वाले इन दानों में सूजन रोधी गुण भी मौजूद है। इनका सेवन अगर रोजाना किया जाए तो जोड़ों के दर्द से निजात मिलती है।

कलौंजी का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में 2,000 वर्षों से भी अधिक समय से हो रहा है। ऐतिहासिक रूप से इन दानों का सेवन पाचन संबंधी समस्याओं, श्वसन रोगों और स्किन से जुड़ी बीमारियों का इलाज करने में किया जाता रहा है। ये बीज अपनी औषधीय विशेषताओं के लिए जाने जाते हैं,जो एक ही नहीं, बल्कि कई स्वास्थ्य समस्याओं में लाभकारी हो सकते हैं। कलौंजी में थाइमो क्विनोन (Thymoquinone – TQ) होता है जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन को कम करता है। इन्हें नेचुरल एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट माना जाता है।

एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर एंड डायरेक्टर और प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट  डॉ बिमल झांजेर ने बताया कलौंजी में फाइबर मौजूद होता है जो खराब कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करता है। इसका सेवन करने से दिल की सेहत दुरुस्त रहती है। एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर कलौंजी दिल को हेल्दी रखती है। फाइबर से भरपूर ये दाने पेट की गैस को कंट्रोल करते हैं। जिन लोगों को डकार ज्यादा आती है वो रोज खाएं तो फायदा होता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि कलौंजी का सेवन करने से सेहत को कौन-कौन से फायदे होते हैं।

कलौंजी का सेवन करने से कब्ज का इलाज होता है और पाचन दुरुस्त रहता है। ये छोटे-छोटे दाने आंतों की लाइनिंग को प्रोटेक्ट करते हैं और आंतों की सूजन को कंट्रोल करते हैं। एंटी इंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर ये दाने पेट और आंतों की सूजन से निजात दिलाते हैं और बाउल मूवमेंट को दुरुस्त करते हैं।

इस मसाले के सूजनरोधी गुण हड्डियों के दर्द और सूजन का इलाज करते हैं। कलौंजी में थाइमोक्विनोन एक शक्तिशाली एंटी इंफ्लामेटरी तत्व है। यह हड्डियों के आसपास की सूजन और दर्द को कम करने में मदद करता है।

इस मसाले का सेवन करने से इम्यूनिटी भी मजबूत होती है। ये मसाला फ्री रेडिकल्स से बचाव करता है और संक्रमण से बचाव करता है। रोज चुटकी भर इस मसाले का सेवन करने से एक नहीं कई बीमारियों का इलाज होता है। इसकी एंटीमाइक्रोबियल प्रॉपर्टी कीटाणुओं से बचाव करती है और बॉडी को हेल्दी रखती है।

आधा चम्मच इस मसाले को अगर रोज पानी से फांक लिया जाए तो आसानी से ब्लड में शुगर के स्तर को कंट्रोल कर सकते हैं। इसका सेवन करने से इंसुलिन का नेचुरल तरीके से उत्पादन होता है। डायबिटीज मरीज अगर रोज खाएं तो आसानी से ब्लड में शुगर के स्तर को कंट्रोल कर सकते हैं।

कलौंजी का सेवन करने से स्किन और बालों की हेल्थ भी दुरुस्त रहती है। इसका सेवन करने से इंफेक्शन से बचाव होता है। ये चेहरे के मुहांसे,दाने,स्किन की रेडनेस को कंट्रोल करता है। एक्जिमा और सिरोसिस जैसी बीमारियों का इलाज भी है इस छोटे से मसाले में।

इस मसाले का सेवन करने से वजन कंट्रोल रहता है। इसका सेवन करने से पेट भरा हुआ महसूस होता है और भूख कंट्रोल रहती है। इसका सेवन करने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और वजन घटाना आसान होता है।

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