करी पत्ता एक ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसका सेवन खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए और औषधि के रूप में किया जाता है। खाने में इन पत्तों की महक भूख को बढ़ा देती है। इन पत्तों को मीठा नीम भी कहा जाता है, क्योंकि इसका स्वाद हल्का तीखा लेकिन नीम जितना कड़वा नहीं होता। ये एक सदाबहार पौधा है जिसकी पत्तियों का सेवन आमतौर पर दाल, सांभर, पोहा, उपमा में किया जाता है। आयुर्वेद में ये पत्तियां बेहतरीन औषधि हैं जो कई बीमारियों का इलाज करती हैं। हजारों साल पहले से ही आयुर्वेदिक ग्रंथों में करी पत्ता को पाचन संबंधी समस्याओं, डायबिटीज, स्किन रोगों और ब्लड प्यूरीफायर के रूप में वर्णित किया गया है।

करी पत्ता के वैज्ञानिक रूप से फायदों की बात करें तो इसमें डायबिटीज को कंट्रोल करने वाले गुण मौजूद हैं। इसमें महानिम्बाइन और कार्बाज़ोल एल्कलॉइड्स मौजूद होता है जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है। ये पत्तियां बीपी और शुगर का रामबाण इलाज हैं।

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट आचार्य बालकृष्ण ने बताया करी पत्ता मानव के लिए वरदान हैं। रोज खाली पेट कुछ पत्तियां चबाने से आपकी बॉडी की सफाई हो जाएगी। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि करी पत्ता कैसे ब्लड शुगर और हाई ब्लड प्रेशर को नॉर्मल रखता है।

आयुर्वेद में करी पत्ता को मीठा नीम कहा जाता है जो नेचुरल तरीके से ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करता है। इसका प्रभाव शरीर के मेटाबॉलिज्म और ग्लूकोज अवशोषण पर पड़ता है, जिससे ब्लड में शुगर का स्तर कंट्रोल रहता है। आयुर्वेद में करी पत्ता को दीपन यानी अग्नि बढ़ाने वाला कहा जाता है जो भोजन को पचाने वाला होता है, जिससे खाना जल्दी पचता है और ब्लड शुगर भी नॉर्मल होता है।

ये पत्ते वसा को नष्ट करने वाले माने जाते हैं जिससे इंसुलिन की संवेदनशीलता में सुधार होता है और ब्लड शुगर नॉर्मल रहता है। ये पत्ते पैंक्रियाज में नेचुरल तरीके से इंसुलिन का उत्पादन करते हैं जिससे शुगर का स्तर बढ़ता नहीं है। रोज सुबह खाली पेट सुबह खाली पेट 7–10 करी पत्ते चबा लीजिए पूरा दिन शुगर नॉर्मल रहेगा।

आयुर्वेद के मुताबिक करी पत्ता (Curry Leaves) न केवल डायबिटीज का इलाज करता है बल्कि ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करता है। आयुर्वेद में करी पत्ता को शीतल यानी ठंडी तासीर वाला माना जाता है। ये पत्ता पित्त को शांत करता है जिससे शरीर में अधिक गर्मी नहीं होती। आयुर्वेद में वात-पित्त दोष का असंतुलन हाई बीपी का कारण माना जाता है। करी पत्ता इन दोनों दोषों को संतुलित करता है जिससे धमनियों में तनाव कम होता है और ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है।

इन पत्तों में मूत्रवर्धक गुण भी मौजूद होते हैं। ये पत्ते पेशाब को बढ़ाते हैं जिससे पेशाब के जरिए बॉडी में जमा अतिरिक्त सोडियम और पानी बाहर निकलता है जिससे ब्लड प्रेशर नॉर्मल रहता है। करी पत्ता का सेवन आप उसका काढ़ा बनाकर या फिर सीधे चबाकर कर सकते हैं।

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