डाइट में मीठे फूड शामिल न हो, तो खाना अधूरा लगता है। मीठा मतलब आमतौर पर चीनी का सेवन, जो हम मिठाईयों, चाय , दूध और कई तरह के फूड में करते हैं। चीनी यानी रिफाइंड शुगर, जो कार्बोहाइड्रेट्स का स्रोत है। यह न सिर्फ शरीर में फैट बढ़ाता है, बल्कि ब्लड शुगर लेवल को भी तेजी से बढ़ाता है। रिफाइंड शुगर को प्रोसेस करके तैयार किया जाता है,और इस प्रक्रिया में इसके लगभग सभी पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। अंत में जो बचता है, वह केवल ‘खाली कैलोरी’ होती है, जो शरीर को कोई पोषण नहीं देती।
रिफाइंड शुगर को कंट्रोल करना बेहद जरूरी है। अगर आप वजन कम करना चाहते हैं या हेल्दी डाइट का सेवन करना चाहते हैं तो रिफाइंड सफेद चीनी की मात्रा को सीमित करना सही होगा। Medical News Today के मुताबिक आधा कप चीनी में लगभग 385 कैलोरी और 100 ग्राम शक्कर होती है। यह ज़रूरी नहीं कि आप चीनी का सेवन पूरी तरह बंद कर दें। अगर आप चाय, कॉफी और दूसरी चीजों में मीठास चाहते हैं तो आप चीनी की जगह उसके विकल्प के रूप में गुड़ का सेवन करें। लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या गुड़ सच में रिफाइंड सफेद चीनी से ज्यादा हेल्दी है? आइए जानते हैं सारी सच्चाई।
मेटाबोलिक हेल्थ कोच करण सरीन एचटीमीडिया में छपी एक खबर में बताया है कि गुड़ चीनी से बेहतर है लेकिन इसमें भी ज्यादातर चीनी है। अगर हम गुड़ की आणविक संरचना को करीब से देखें तो पाएंगे कि गुड़ भी ज्यादातर चीनी ही है। इसमें 65 से 90 प्रतिशत तक सुक्रोज़ होता है, जो इसकी किस्म पर निर्भर करता है। कैलोरी के मामले में भी यह लगभग सफेद चीनी के बराबर ही है।
गुड़ के ग्लाइसेमिक इंडेक्स की बात करें तो ये चौंका देगा। जहां सफेद चीनी का GI लगभग 65 होता है, वहीं गन्ने से तैयार गुड़ का GI इससे भी अधिक यानी 84 या इससे भी ज्यादा होता है। आसान शब्दों में कहें तो, यह आपके ब्लड शुगर को उस रिफाइंड चीनी से भी तेज़ी से बढ़ा देता है, जिसकी जगह इसे लेने की सलाह दी जाती है।
क्लाउडनाइन ग्रुप ऑफ़ हॉस्पिटल्स, नोएडा की क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट रक्षिता मेहरा बताती है कि गुड़ हमेशा से ही सेहत के लिए हेल्दी ऑप्शन माना जाता हैं। यह नैचुरल और अनरिफाइंड है। इसे मेडिसिनल शुगर’के नाम से भी जाना जाता है। भारत में लंबे समय से गुड़ को रिफाइंड सफेद चीनी का हेल्दी विकल्प माना जाता रहा है। गुड़ में आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम और कैल्शियम मौजूद होता है जो उन लोगों के लिए बेहतर विकल्प है जो मीठा खाने के साथ-साथ ज़रूरी पोषक तत्व भी लेना चाहते हैं। गुड़ का सेवन करने से बॉडी से टॉक्सिन निकलते हैं और बॉडी डिटॉक्स होती है। एंटीऑक्सीडेंट और खनिजों से भरपूर गुड़ का सेवन करने से इम्यूनिटी बूस्ट होती है और बीमारियों से बचाव होता है।
अगर आप इंसुलिन रेजिस्टेंस, डायबिटीज या मेटाबोलिक हेल्थ की सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं तो गुड़ का सेवन सीमित मात्रा में करें। क्योंकि गुड़ भी एक एडेड शुगर ही है जिसकी मात्रा को कंट्रोल करना जरूरी है। ये ठीक है कि गुड़ धीरे-धीरे एनर्जी रिलीज करता है और शुगर स्पाइक को रोकता है लेकिन इसका सीमित सेवन करना ही जरूरी है।
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