पैरों में ब्लड सर्कुलेशन यानी ब्लड फ्लो का ठीक से न होना एक आम समस्या है, लेकिन इसे नजरअंदाज किया जाए तो गंभीर स्वास्थ्य समस्या पैदा सकती है। हालांकि, यह समस्या अक्सर उम्र बढ़ने, अधिक देर तक बैठने, डायबिटीज, हाई बीपी या खराब लाइफस्टाइल के चलते होती है। जब पैरों तक सही मात्रा में खून नहीं पहुंचता, तो वहां ऑक्सीजन और पोषण की कमी हो जाती है जिससे पैरों में सुन्नता, दर्द और थकावट जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। वैस्कुलर सर्जन, डॉ. सुमित कपाड़िया ने पैरों में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने के लिए आसान टिप्स बताए हैं।
डॉ. सुमित कपाड़िया के मुताबिक, शरीर के ऊतकों के कामकाज को बनाए रखने के लिए ब्लड सर्कुलेशन आवश्यक है। पैरों में ब्लड सर्कुलेशन कम होने से चलने के दौरान पैर की मांसपेशियों में दर्द होता है। उन्होंने कहा कि समय रहते ध्यान न देने पर यह पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (PAD) जैसी बीमारी का संकेत भी हो सकता है। ऐसे में पैरों में ब्लड सर्कुलेशन सुधारना बेहद जरूरी हो जाता है।
पैरों में ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करने के लिए चलना सबसे सरल, लेकिन सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है। हर दिन 1 से 2 किलोमीटर तक आराम से चलने से पैरों में कोलेटरल यानी छोटी रक्त वाहिकाएं बेहतर होंगी और यह PAD के शुरुआती चरणों में बहुत उपयोगी हो सकता है।
जिन लोगों को शिराओं में रक्त ठहराव या सूजन की समस्या है, उनके लिए सक्रिय टखने के व्यायाम या पैर के अंगूठे का हिलना-डुलना अशुद्ध खून को हार्ट में वापस लाने में मददगार होगा।
सोते या आराम करते समय पैरों के नीचे तकिया लगाकर रखें। इसके पैरों को आराम मिलेगा। इससे ब्लड का बैकफ्लो कम होता है और सूजन भी घटती है। बैठने और सोते समय पैरों को ऊपर उठाने से शिरापरक रक्त प्रवाह की गुरुत्व सहायता से वापसी पैरों में स्थिर रक्त को राहत देने में मदद करती है।
पैरों की हल्के हाथों से मसाज या गर्म पानी से सिंकाई करने से वहां की नसें एक्टिव होती हैं और ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है। नारियल या सरसों के तेल से मालिश करें।
माउंटेन पोज, डाउनवर्ड डॉग और ट्रायंगल पोज जैसे विभिन्न योगासन लचीलेपन में सुधार के साथ-साथ पैर की मांसपेशियों में दर्द और अकड़न को कम करने में सहायक होते हैं। इन योगासन से पैरों के ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है। रोजाना 20–30 मिनट की एक्सरसाइज करने से भी पैरों का ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है।
इसके अलावा हड्डियों की मजबूती के लिए खीरे के बीज का सेवन भी किया जा सकता है। खीरे के बीज ऑस्टियोपोरोसिस और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी हड्डियों की बीमारियों को रोकने के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं।