2 Per 20 Rule Control Blood Sugar Level: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में सेहत से लेकर खानपान पूरी तरह से प्रभावित हो चुका है। आज के समय में लोग काम में इतने व्यस्त रहते हैं कि वह दिन भर एक जगह पर बैठे रहते हैं, जिसके चलते कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं तेजी से बढ़ जाती हैं। ऐसे में सेहत का ख्याल रखना तक लोगों के लिए मुश्किल हो गया है। इन सब एक्टिविटी के चलते शुगर की समस्या सबसे आम हो गई है, जो तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रही है। हालांकि, अगर आप अच्छी उम्र चाहते हैं और बीमारी से मुक्त रहना चाहते हैं, तो ‘2 प्रति 20’ नियम बहुत लाभकारी साबित हो सकता है।

सीके बिड़ला अस्पताल, दिल्ली की आंतरिक चिकित्सा निदेशक, डॉ. मनीषा अरोड़ा के बताया कि ‘2 प्रति 20’ नियम से न सिर्फ सेहत का फायदा मिलेगा, बल्कि ये डायबिटीज को मैनेज करने में बहुत ही असरदार है। ‘2 प्रति 20’ नियम सरल और प्रभावी तरीका है। यह रणनीति बताती है कि बैठने के हर 20 मिनट के बाद, चाहे डेस्क पर काम कर रहे हों या टीवी देख रहे हों, आपको उठकर सिर्फ दो मिनट के लिए घूमना चाहिए। यह गतिविधि कमरे में चहलकदमी करने, स्ट्रेचिंग करने या थोड़ी देर टहलने जैसी हल्की हो सकती है। शोध से पता चला है कि इस दिनचर्या का पालन करने से भोजन के बाद ब्लड शुगर के लेवल में 25 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है, जो एक बड़ा सुधार है।

ग्लेनीगल्स अवेयर हॉस्पिटल, एलबी नगर, हैदराबाद की मुख्य आहार विशेषज्ञ डॉ. बिराली स्वेता के अनुसार, जब हम लंबे समय तक बैठे रहते हैं, तो हमारी मांसपेशियां, खास तौर पर पैरों की कम इस्तेमाल होती हैं। इससे ब्लड फ्लो से ग्लूकोज का अवशोषण धीमा हो जाता है, जिससे भोजन के बाद शुगर का लेवल बढ़ जाता है। डॉ. बिराली ने कहा कि हर 20 मिनट में थोड़ी देर खड़े होने या चलने से मांसपेशियों की गतिविधि बढ़ जाती है, जिससे ग्लूकोज का बेहतर अवशोषण और सर्कुलेशन होता है।

आजकल कामकाज में व्यस्त लोग घंटों-घंटों लैपटॉप और स्क्रीन के सामने बैठे रहते हैं। जिससे कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में हेल्दी और एक्टिव रहने के लिए ‘2 per 20’ रूल को फॉलो करना चाहिए। इसमें करीब 20 मिनट बैठे रहने के बाद 2 मिनट के लिए चले या फिर कोई हल्की फिजिकल एक्टिविटी करें। आप हर 20 मिनट के बाद सिर्फ 2 मिनट टहलते हैं, तो इंसुलिन बेहतर तरीके से काम करता है। इसके साथ ही ब्लड शुगर लेवल भी कंट्रोल रहता है।

वहीं, जर्नल ऑफ अफेक्टिव डिसऑर्डर्स में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, खराब लाइफस्टाइल के कारण तनाव होता है और इससे मेंटल हेल्थ पर असर पड़ता है।