World No-Tobacco Day: भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में तंबाकू का कई रूप में सेवन किया जा रहा है। तंबाकू का सेवन छोटी उम्र से लेकर बड़े बुजुर्ग तक कई तरह से करते हैं। जिसका नकारात्मक प्रभाव उनके शारीरिक और मानसिक सेहत पर नजर आता है। तंबाकू एक ऐसा धीमा जहर जो न केवल इंसान की जिंदगी को भीतर से खोखला कर देता है, बल्कि कई अंगों को धीरे-धीरे बर्बाद कर देता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, तंबाकू सेवन से हर साल दुनियाभर में लाखों लोग अपनी जान गंवाते हैं। धूम्रपान हो या गुटखा-खैनी इसके सेवन से शरीर के लगभग हर हिस्से को नुकसान पहुंचता है। जिससे निपटने के लिए हर साल 31 मई को तंबाकू निषेध दिवस (No Tobacco Day on 31st May) मनाया जाता है। एशियन अस्पताल, कैंसर विभाग, अध्यक्ष, डॉ. पुनीत गुप्ता ने बताया कि तंबाकू हमारे शरीर पर किस तरह से प्रभाव डालता है।

डॉ. पुनीत गुप्ता ने बताया कि तंबाकू का सेवन इतना खतरनाक है कि इससे शरीर के कई अंगों को नुकसान होता है। तंबाकू का सेवन करने से कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी बड़ी संख्या में लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। दुनिया भर में हर साल तंबाकू के सेवन से होने वाले कैंसर के कारण लगभग 70 लाख लोगों की जान जा चुकी है। चलिए आपको बताते हैं तंबाकू का सेवन करने से शरीर के किन अंगों को नुकसान होता है।

तंबाकू में मौजूद निकोटीन दिमाग की कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है। यह ब्रेन स्ट्रोक और मानसिक बीमारियों का खतरा बढ़ा देता है। तंबाकू का सेवन मस्तिष्क को कई तरह से प्रभावित करता है, जिसमें निकोटीन की लत, संज्ञानात्मक कार्य में कमी और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव शामिल हैं।

धूम्रपान से हार्ट की धमनियां संकुचित हो जाती हैं, जिससे हार्ट अटैक और हाई ब्लड प्रेशर की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। हार्ट और मस्तिष्क का एक गहरा संबंध है, जो सिर्फ रक्त आपूर्ति तक ही सीमित नहीं है। हार्ट का अपना एक तंत्रिका तंत्र होता है, जो मस्तिष्क के साथ संवाद करता है और हार्ट गति, ब्लड प्रेशर और हार्ट की धड़कन को कंट्रोल करता है।

तंबाकू के सेवन विशेषकर धूम्रपान से फेफड़ों को गंभीर नुकसान होता है। यह फेफड़ों की बीमारियों का मुख्य कारण है और फेफड़ों के कैंसर के लिए सबसे बड़ा जोखिम कारक है। तंबाकू फेफड़ों की कोशिकाओं को बुरी तरह नुकसान पहुंचाता है। इससे अस्थमा, क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस और लंग कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।

यह दांतों के सड़न और मसूड़ों की बीमारी का खतरा बढ़ाता है। चबाने वाली तंबाकू से मुंह का कैंसर, मसूड़ों की बीमारी, बदबूदार सांस और दांतों में पीलापन हो सकता है।

तंबाकू का सेवन आपके पाचन तंत्र को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है, जिससे पेट दर्द, अल्सर, एसिड रिफ्लक्स और पाचन संबंधी कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

तंबाकू का सेवन लिवर को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे फैटी लिवर डिजीज, लिवर सिरोसिस, हेपेटाइटिस और लिवर कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

तंबाकू से आंखों की रोशनी कमजोर होती है और मोतियाबिंद जैसी समस्याएं जल्दी होने लगती हैं।

धूम्रपान स्किन को उम्र से पहले बूढ़ा बना देता है। तंबाकू के सेवन से स्किन रूखी, बेजान और झुर्रियों से भर जाती है।

तंबाकू पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए खतरनाक है। इससे पुरुषों में स्पर्म काउंट और क्वालिटी पर असर पड़ता है और महिलाओं में गर्भधारण की क्षमता में कमी आती है।

तंबाकू हड्डियों की मजबूती कम करता है और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ा देता है।

तंबाकू सेवन पैंक्रियाज के कैंसर का प्रमुख कारण माना जाता है।

तंबाकू शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को कमजोर कर देता है, जिससे छोटी बीमारियां भी गंभीर हो जाती हैं।