देश के दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर की बेटी सारा तेंदुलकर अपनी खूबसूरती, फिटनेस और हेल्दी लाइफस्टाइल के चलते सुर्खियों में बनी रहती हैं। रजिस्टर्ड न्यूट्रिशनिस्ट सारा तेंदुलकर ने बताया कि उन्हें बचपन में पीसीओएस के चलते मुंहासे और अनचाहे बालों की समस्या का सामना करना पड़ा। इससे उनका कॉन्फिडेंस भी कम होने लगा था। कई ट्रीटमेंट्स आजमाने के बाद भी जब कुछ असर नहीं हुआ, तब उनकी मां अंजलि तेंदुलकर ने मेडिकल ट्रीटमेंट का रास्ता अपनाया गया। एक सोनोग्राफी में ओवरी में सिस्ट पाए गए, जिसके बाद उन्होंने एक एंडोक्रिनोलॉजिस्ट की मदद ली। इसके बाद उन्होंने पीसीओएस यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम जैसी समस्या को मात दी।

वोग इंडिया के साथ हाल ही में हुई बातचीत में सारा तेंदुलकर ने बताया कि सातवीं कक्षा से ही उनके चेहरे पर मुंहासे होने लगे थे। इससे मेरे आत्मसम्मान पर असर पड़ा, क्योंकि अगर आपको पीसीओएस है, तो आपके एंड्रोजन बहुत अधिक होते हैं, इसलिए आपके बाल अधिक उगते हैं, मुंहासे होते हैं, त्वचा तैलीय होती है और आपका वजन आसानी से बढ़ता है।

जब मैं मेकअप लगाने लायक बड़ी हुई, तो मैं मेकअप के बिना घर से बाहर नहीं निकलती थी, क्योंकि मुझे लगता था कि हर कोई मेरी त्वचा को देख रहा है। मैंने इससे छुटकारा पाने के लिए हर संभव कोशिश की है। इसके बाद एंडोक्रिनोलॉजिस्ट की मदद ली और इंटरमिटेंट फास्टिंग, वेट ट्रेनिंग और प्रोटीन बैलेंस के साथ लाइफस्टाइल बदली। धीरे-धीरे उनका वजन कंट्रोल में आया, मसल्स बनीं और हार्मोन बैलेंस हो गए।

सारा बताती हैं कि उनका मॉर्निंग रूटीन सिंपल है। पानी, ड्राई फ्रूट्स और एक कप ब्लैक कॉफी, जो उनके लिए नॉन-नेगोशिएबल है। मैं डिटॉक्स जूस के दौर से गुजरी हूं, लेकिन मैं वास्तव में एक ही तरीका नहीं अपनाती। मैं अपनी सुबह की शुरुआत पानी, नट्स और एक कप ब्लैक कॉफी से करती हूं, क्योंकि मुझे सुबह जल्दी उठकर एक्सरसाइज करना पसंद है। कॉफी से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। हालांकि, अन्य दिनों में यह मेरे शेड्यूल और मूड पर निर्भर करता है।

फोर्टिस बेंगलुरु के वरिष्ठ सलाहकार गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. प्रणव होन्नावारा श्रीनिवासन ने इंडियन एक्सप्रेस.कॉम को बताया कि रोजाना ब्लैक कॉफी पीने से कई संभावित स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं, जिनमें से कई एंटीऑक्सीडेंट, कैफीन और बी विटामिन जैसे आवश्यक पोषक तत्वों की समृद्ध सामग्री से जुड़े हैं।

ब्लैक कॉफी मेटाबॉलिज्म दर को 3-11% तक बढ़ाने में कारगर साबित हुई है, जो फैट को अधिक कुशलता से जलाने में मदद कर सकती है। कैफीन की मात्रा थर्मोजेनेसिस को उत्तेजित करती है। वह प्रक्रिया जिसके द्वारा शरीर भोजन को पचाने से गर्मी और ऊर्जा उत्पन्न करता है।

कैफीन ब्लड फ्लो में एड्रेनालाईन के लेवल को बढ़ाने के लिए भी जाना जाता है, जो शरीर को शारीरिक परिश्रम के लिए तैयार करके शारीरिक प्रदर्शन को बढ़ा सकता है।

ब्लैक कॉफी पीने के सबसे तात्कालिक लाभों में से एक मानसिक तंत्र पर इसका प्रभाव है। कॉफी में मौजूद कैफीन केंद्रीय तंत्रिका तंत्र उत्तेजक के रूप में कार्य करता है, मस्तिष्क में एडेनोसिन रिसेप्टर्स को अवरुद्ध करता है और डोपामाइन और नॉरपेनेफ्रिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर की रिहाई को बढ़ावा देता है।