आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में खानपान से लेकर लाइफस्टाइल में बदलाव के चलते कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बहुत ही आम हो चुकी हैं। हालांकि, लोग अक्सर अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देते हैं। जिसका सबसे ज्यादा असर लिवर और दिल पड़ता है। दरअसल, लिवर शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जो विषैले पदार्थों यानी टॉक्सिन को बाहर निकालने, मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करने और पोषक तत्वों को प्रोसेस करने का काम करता है। इसके अलावा दिल हमारे पूरे शरीर को ऑक्सीजन युक्त खून पहुंचाने में लगा रहता है। लिवर ट्रांसप्लांटेशन सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. संजीव सैगल ने बताया कि स्वस्थ खानपान की आदतें लिवर की बीमारी के जोखिम को 50 प्रतिशत तक कम कर सकती हैं।
डॉ. संजीव सैगल ने बताया कि खराब आदतें जैसे अनियमित खानपान, अनहेल्दी लाइफस्टाइल और शराब का सेवन दिल और लिवर को बहुत प्रभावित करता है। जिससे इन दोनों अंगों की सेहत खराब होने लगती है। हालांकि, कुछ आदतों में सुधार करके न सिर्फ लिवर को हेल्दी रखा जा सकता है, बल्कि हार्ट रोगों का खतरा भी काफी हद तक कम किया जा सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि लिवर में खुद को ठीक करने की अद्भुत क्षमता होती है और सही लाइफस्टाइल में बदलाव करके सालों से खराब हो चुके लिवर को भी ठीक किया जा सकता है। इसके लिए ताजे फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन से भरपूर आहार बहुत ही लाभकारी होता है। यह न केवल लिवर की बीमारी को रोकता है, बल्कि लिवर के पुनर्जनन में भी मदद करता है।
फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, लिवर के स्वास्थ्य में आहार की महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यूके बायोबैंक में 1,21,000 (1.21 लाख) से अधिक प्रतिभागियों के डेटा का विश्लेषण करते हुए, शोधकर्ताओं ने पाया कि हाई प्रो-इंफ्लेमेटरी क्षमता वाले आहार का सेवन करने वाले व्यक्तियों में जिसे डाइटरी इंफ्लेमेटरी इंडेक्स द्वारा मापा जाता है। क्रोनिक लिवर रोग विकसित होने का जोखिम 16 प्रतिशत अधिक था।
तेल, मसाले, प्रोसेस्ड फूड, ज्यादा मीठा और बाहर का खाना खाने से बचना चाहिए। इससे लिवर पर बोझ पड़ता है और फैटी लिवर जैसी बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ाकर हार्ट रोगों की जड़ बन सकती हैं।
बैठे-बैठे काम करने की आदत और एक्सरसाइज से दूरी लिवर और दिल दोनों के लिए खतरे की घंटी है। फिजिकल एक्टिविटी नहीं होने से न केवल मोटापा बढ़ता है, बल्कि ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और ट्राइग्लिसराइड्स जैसे फैक्टर भी बिगड़ने लगते हैं।
शराब का सेवन लिवर की कोशिकाओं को धीरे-धीरे नष्ट करता है और सिरोसिस या लिवर फेलियर तक की नौबत आ सकती है। इससे दिल की सेहत पर असर पड़ता है।
वहीं, डायबिटीज के मरीजों के लिए चीनी का सेवन खतरनाक हो सकता है। अक्सर लोग कंफ्यूज रहते हैं कि मिठास के लिए सफेद शुगर, ब्राउन शुगर और शहद किसका सेवन करना चाहिए?