कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) एक चर्बी जैसा मोमी पदार्थ है जो बॉडी की हर कोशिका में पाया जाता है। यह एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन जैसे हॉर्मोन बनाने में मदद करता है। कोलेस्ट्रॉल विटामिन D के उत्पादन में सहायक होता है और भोजन को पचाने में मदद करने वाले bile acids का निर्माण करता है।  कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है एक LDL जिसे खराब कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है तो दूसरा गुड कोलेस्ट्रॉल होता है। खराब कोलेस्ट्रॉल धमनियों में जम जाता है और ब्लॉकेज पैदा कर सकता है। हाई कोलेस्ट्रॉल एक ऐसी बीमारी है जिसके लिए खराब डाइट और बिगड़ता लाइफस्टाइल जिम्मेदार है। युवाओं में हाई कोलेल्ट्रॉल के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं जो हार्ट अटैक का कारण हैं।

हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण प्लाक का निर्माण हो सकता है, जिससे कार्डियोवैस्कुलर डिज़ीज़, पेरिफेरल आर्टेरियल डिज़ीज़, कोरोनरी आर्टरी डिज़ीज़ (CAD), या स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना भले ही डरावना लगे, लेकिन घबराएं नहीं इस बीमारी की पहचान अगर समय रहते कर ली जाए तो आसानी से दवाओं के जरिए और लाइफस्टाइल में सुधार करके इस बीमारी का इलाज किया जा सकता है।

हाई कोलेस्ट्रॉल का पता लगाने का मेडिकल तरीका ब्लड टेस्ट है जिसमें आपके लिपिड लेवल्स की जांच की जाती है। रिसर्चर Dr. Vishakha Sharma ने बताया हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण बॉडी में भी दिखने लगते हैं। अगर समय रहते पहचान कर ली जाए तो आसानी से परेशानी को टाला जा सकता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि बॉडी में हाई कोलेस्ट्रॉल के कौन-कौन से लक्षण दिखते हैं और उनकी पहचान कैसे कर सकते हैं।

जिन लोगों का कोलेस्ट्रॉल हाई होता है उनकी आंखों के आस-पास पीले रंग के दाने होने लगते हैं जिन्हें “ज़ैंथेलास्मा” (Xanthelasma) कहा जाता है। ज़ैंथेलास्मा एक तरह का फैटी डिपॉज़िट होता है, जो आंख की स्किन के आस-पास जमने लगता है। खासकर आंखों के कोनों या पलकों के पास, इससे दर्द नहीं होता लेकिन ये देखने में खराब लगता है।

अगर थोड़ी सी एक्सरसाइज करने के बाद या थोड़ी देर चलने के बाद ही आपको सांस फूलने लगता है तो इसका मतलब है कि बॉडी में कोलेस्ट्रॉल बढ़ रहा है। जब कोलेस्ट्रॉल धमनियों में जमा हो जाता है तो दिल को पर्याप्त खून नहीं मिल पाता। इससे दिल को अधिक मेहनत करनी पड़ती है और थोड़ा सा काम करते ही सांस फूलने लगती है। ऐसी स्थिति महसूस कर रहे हैं तो ब्लड टेस्ट करवाकर कोलेस्ट्रॉल लेवल की जांच कराएं।

जिन लोगों का कोलेस्ट्रॉल हाई होता है उनके कार्निया यानी आंख की पारदर्शी बाहरी परत के चारो तरफ ग्रे वाइट या पीले रंग का पैच बनने लगता है जिसे “आर्कस सिनीलिस” (Arcus Senilis) कहते हैं। यह एक वृत्ताकार या अर्धवृत्ताकार रिंग होता है जो कॉर्निया के किनारे पर बनता है।

कोलेस्ट्रॉल हाई होने पर हाथ-पैरों में सुन्नपन और ठंडा होने लगते हैं। जब शरीर में LDL कोलेस्ट्रॉल अधिक होता है तो यह धमनियों में जमा होकर उन्हें संकरा और सख्त बना देता है जिसे एथेरोस्क्लेरोसिस कहते हैं। इससे रक्त प्रवाह धीमा हो जाता है, खासकर हाथ-पैरों की छोटी धमनियों में रक्त का संचार कम हो जाता है जिसकी वजह से हाथ-पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन महसूस होता है। कभी-कभी दर्द की भी शिकायत होती है।

हाई कोलेस्ट्रॉल होने पर रक्त प्रवाह में रुकावट होती है। बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल धमनियों में प्लाक बनाता है जिससे दिल, मस्तिष्क, और मांसपेशियों तक ऑक्सीजन युक्त खून कम पहुंचता है।जिसका नतीजा मांसपेशियों में थकान, भारीपन, और कमजोरी होती है। हाई कोलेस्ट्रॉल दिल पर दबाव डालता है और दिल के रोगों का खतरा बढ़ने लगता है।

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