दही भारतीय घरों में सदियों से मुख्य व्यंजन रहा है जिसे अक्सर खाने के साथ खाया जाता है। प्रोबायोटिक्स, कैल्शियम और आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर दही का सेवन करने से पाचन में सुधार होता है और गट हेल्थ दुरुस्त रहती है। रोजाना अगर दही का सेवन किया जाए तो हड्डियां मज़बूत होती हैं और इम्यूनिटी स्ट्रांग होती है। इसका सेवन करने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और वजन घटाना भी आसान होता है। आयुर्वेद दही का सेवन दोपहर में करने की सलाह देता है। प्रोबायोटिक्स से भरपूर दही दोपहर के भोजन के बाद रोजाना खाने से पाचन तंत्र में हेल्दी बैक्टीरिया बढ़ते हैं और आंत की सेहत दुरुस्त रहती है।

दही में मौजूद पोषक तत्वों की बात करें तो इसमें प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन बी12 भरपूर होता है। दही पाचन में सहायता करता है और पोषक तत्वों के अवशोषण में मदद कर सकता है। दही का सेवन अगर दोपहर के खाने के बाद करें तो ये आंतों की सेहत में सुधार करता है।  

कंसल्टेंट डाइटीशियन और प्रमाणित मधुमेह शिक्षक कनिका मल्होत्रा ​​ने बताया दोपहर के भोजन के बाद दही का नियमित सेवन करने से आंतों में गुड बैक्टीरिया बढ़ते हैं। खाने के बाद दही का सेवन माइक्रोबियल विविधता में सुधार करता हैं और एंटरोबैक्टीरिया और स्टैफिलोकोकस जैसे हानिकारक बैक्टीरिया से बचाव करता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि रोजना खाने के बाद दही का सेवन करने से सेहत में कौन-कौन सा बदलाव होता है।

दोपहर के भोजन के बाद रोजाना दही खाने से पाचन तंत्र में गुड बैक्टीरिया बढ़ते हैं जो आंत की सेहत को दुरुस्त करते हैं।  यह प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन बी12 का भी बेहतरीन स्रोत है, जो हड्डियों को हेल्दी रखता है।

खाने के बाद दही का सेवन करने से आंत की सेहत दुरुस्त रहती है। दही में लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया आंत की हेल्थ में सुधार करते हैं। इनका सेवन करने से आंत की सूजन कंट्रोल रहती है। ये शॉर्ट-चेन फैटी एसिड के उत्पादन को बढ़ावा देती हैं।

दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स पोषक तत्वों के अवशोषण में सुधार करते हैं और सूजन को कम करते हैं। दही को फाइबर युक्त भोजन के साथ खाने से ब्लोटिंग से छुटकारा मिलता है और पाचन दुरुस्त रहता है।

दही की तासीर ठंडी होती है जो बॉडी को हेल्दी रखती है। खाने के बाद दही खाने से बॉडी ठंडी रहती है। पोषण के लिहाज से दही में मौजूद पानी की अधिक मात्रा बॉडी को हाइड्रेट रखती है और पानी की कमी को पूरा करती है।

दही में प्रोबायोटिक्स और ज़रूरी पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं, लेकिन हर किसी की सेहत पर इसका सकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता। अगर आप लैक्टोज़ असहिष्णु हैं तो रोज़ाना दही खाने से पेट फूलना और दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

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