Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj: स्वामी प्रेमानंद वृंदावन में रहते हैं। साथ ही उनके आज कल कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिसमें वह सत्संग और लोगों के कई प्रश्नों के उत्तर देते हुए नजर आ रहे हैं। दरअसल प्रेमानंद महाराज की प्रसिद्धि दिन पर दिन बढ़ती जा रही है और महाराज जी के दर्शन करने के लिए उनके भक्त देश-विदेश से वृंदावन आते हैं। महाराज जी राधा रानी को अपनी आराध्य मानते हैं और दिन रात उनकी आराधना में लगे रहते हैं। प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज के सोशल मीडिया पर लाखों की संख्य़ा में फॉलोअर हैं। साथ ही फिल्म जगत और राजनीति से जुड़े कई लोग महाराज जी के भेंट कर चुके हैं। जिमसें आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, रेसलर द ग्रेट खली, सिंगर बीपार्क, क्रिकेटर विराट कोहली और अभिनेत्री अनुष्का शर्मा का का नाम शामिल हैं। साथ ही कई प्रदेशों के मंत्री और महामंत्री महाराज जी से मिल चुके हैं।

आपको बता दें कि महाराज जी का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक भक्त उनसे पूछ रहा है कि जो हम भगवान को भोग लगाते हैं वो भगवान खाते हैं या नहीं, जिस पर महाराज की उत्तर दे रहे हैं कि, मनुष्य का शरीर पंच तत्वों मतलब जल, भूमि, आकाश, वायु और अग्नि से बना है और इस कारण वह हवा, रोशनी के साथ-साथ अन्न और जल भी ग्रहण कर पाता है। लेकिन भगवान केवल तीन तत्वों से बने होते हैं और उनमें जल और पृथ्वी तत्व नहीं होता। इसलिए वो जल अथवा अन्न ग्रहण सीधे तौर पर ग्रहण नहीं कर पाते हैं लेकिन देवों का शरीर वायुमय और तेजोमय होता है। इसलिए, वो वायु के रूप में गंध, तेज के रूप में प्रकाश और आकाश के रूप में शब्द अथवा ध्वनि ग्रहण करते हैं। इसलिए जब कोई भक्त भोजन के रूप में भोग लगाता है, तो उस भोजन की ‘सुगंध’ को देवता ‘वायु’ तत्व के रूप में ग्रहण करते हैं और उसी से उनकी तृप्ति हो जाती है।

प्रेमानंद महाराज आगे कहते हैं कि भगवान को कभी भी प्याज लहसुन युक्त भोजन का भोग नहीं लगाना चाहिए।अगर हम आप का भोग भगवान को लगा रहे हैं तो पहले छिलका और गुठली निकाल लें, उसके बाद आम को काटकर भोग लगाएं। साथ ही जो बीज वाले फल हैं, उनके बीज निकालकर भोग लगाएं। जैसे आप खुद खाते हैं। 

वहीं प्रेमानंद महाराज ने बताया कि भोजन लगाते समय मंत्र ।।त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर।। जरूर बोलना चाहिए। इस का  अर्थ है “हे गोविंद, जो भी वस्तु मेरे पास है, वह आपकी ही है। मैं इसे आपको समर्पित करता हूं।”