Som Pradosh Vrat 2025: शास्त्रों में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। वहीं यह दिन भोलेनाथ को समर्पित है। मान्यता है कि जो व्यक्ति पूरी श्रद्धा के साथ व्रत रखकर भोलेनाथ की पूजा- अर्चना करता है, उसके सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। साथ ही संतान के योग और वैवाहिक जीवन खुशहाल रहता है। वहीं इस साल आषाढ़ सोम प्रदोष व्रत 23 जून दिन सोमवार को रखा जाएगा। सोमवार को पड़ने की वजह से इसे सोम प्रदोष के नाम से जाना जाता है। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त, तिथि और महत्व…

वैदिक पंचांग के अनुसार 23 जून को रात 01 बजकर 22 मिनट पर आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की आरंभ होगी। वहीं, 23 जून को रात 10 बजकर 08 मिनट पर त्रयोदशी तिथि का अंत होगा।

सोम प्रदोष व्रत के दिन दिन पूजा का समय शाम 07 बजकर 23 मिनट से रात 09 बजकर 24 मिनट तक है। साधक सुविधा अनुसार समय पर भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं। सोम प्रदोष व्रत पर सर्वार्थ सिद्धि योग और मासिक शिवरात्रि समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इसके साथ ही भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। 

इस दिन व्रत रखने से भोलेनाथ की कृपा बरसती है। साथ ही जिन लोगों को संतान का सुख प्राप्त नहीं हो रहा हो उनको संतान का सुख प्राप्त होता है। साथ ही सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है। दांपत्य जीवन खुशहाल रहता है। वहीं जिन लोगों की कुंडली में चंद्र दोष है, वो लोग इस दिन व्रत रखकर भोलेनाथ की पूजा करें। साथ ही सफेद चीज, दूध और दही का दान करें। ऐसा करने से उनको चंद्र दोष से मुक्ति मिल सकती है।