Israel-Iran War: इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई से बिना शर्त आत्मसमर्पण करने के बाद खामेनेई ने इसका जवाब दिया। खामेनेई ने X पर पोस्ट कर कहा- ‘महान हैदर के नाम पर, जंग शुरू हो गयी है।’ खामेनेई ने कहा, “हमें आतंकवादी यहूदी शासन को कड़ा जवाब देना होगा। हम उस पर कोई दया नहीं दिखाएंगे।”

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था, “हमें अच्छे ढंग से पता है कि ‘सुप्रीम लीडर’ कहां छिपा है। हम उसे मारने नहीं जा रहे हैं, कम से कम अभी तो नहीं।” ट्रंप ने कहा हमारा धैर्य जवाब दे रहा है।

13 जून की सुबह इजरायल ने ईरान पर हमले की शुरुआत यह कहकर की कि वह परमाणु बम बनाने के बिलकुल करीब है। आईए जानते हैं कि ईरान और इजरायल के बीच तनाव कब से चल रहा है।

अमेरिका की केंद्रीय खुफिया एजेंसी ने ईरान के लोकप्रिय प्रधानमंत्री मोहम्मद मोसादेग को उखाड़ फेंकने में भूमिका निभाई और इसके बाद वहां की सत्ता शाह मोहम्मद रजा पहलवी के हाथ में आ गई।

ईरान और अमेरिका ने एक परमाणु सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए।

अमेरिका ने ईरान को एक न्यूक्लियर रिएक्टर और यूरेनियम फ्यूल दिया। ईरान ने Non-Proliferation Treaty पर दस्तखत किए और इससे उसे सिविलियन न्यूक्लियर प्रोग्राम की अनुमति मिली लेकिन मिलिट्री प्रोग्राम की नहीं।

अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने के लिए तेहरान का दौरा किया।

ईरान में हुई इस्लामिक क्रांति ने मोहम्मद रजा पहलवी को भागने को मजबूर कर दिया। इस्लामिक क्रांति के बाद अमेरिका और ईरान के रिश्ते बिगड़ गए।

तेहरान में छात्रों ने बड़ा प्रदर्शन किया और अमेरिका के दूतावास को घेर लिया। इस दौरान 444 दिन तक दूतावास पर कब्जा रहा। अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण ईरान को अपना परमाणु कार्यक्रम रद्द करना पड़ा। ईरान में आए नए इस्लामिक शासन ने इजरायल को एक दुश्मन देश के रूप में चिन्हित किया।

अमेरिका ने ईरान के साथ अपने सभी कूटनीतिक संबंधों को खत्म कर लिया और और ईरान के साथ अपने अधिकतर व्यापार पर भी रोक लगा दी।

अमेरिका ने इराक के साथ अपने संबंधों को फिर से बहाल किया और उसे ईरान के खिलाफ चल रहे युद्ध में कूटनीतिक समर्थन दिया।

रूस इस बात के लिए सहमत हो गया कि वह ईरान के बुशहर में परमाणु पावर प्लांट का काम पूरा करेगा। इसे जर्मनी ने शुरू किया था।

पश्चिम की खुफिया एजेंसियों और ईरान के एक विपक्षी समूह ने ईरान के नतांज परमाणु फैसेलिटी के बारे में खुलासा किया।

ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने ईरान से परमाणु कार्यक्रम को लेकर चर्चा शुरू की।

ईरान ने यूरेनियम संवर्धन का काम सस्पेंड कर दिया।

ईरान ने ऐलान किया कि वह राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद के चुनाव के बाद यूरेनियम संवर्धन के कार्यक्रम को फिर से शुरू करेगा। ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने वार्ता से बाहर निकल गए।

ईरान के राष्ट्रपति चुनाव में धोखाधड़ी के आरोपों के बावजूद अहमदीनेजाद को फिर से चुना गया। इसके विरोध में ग्रीन मूवमेंट विरोध प्रदर्शन हुए और सरकार ने हिंसक कार्रवाई की।

स्टक्सनेट कंप्यूटर वायरस की खोज की गई और ऐसा माना जाता है कि अमेरिका और इजरायल ने इसे मिलकर बनाया है। इस वायरस ने ईरानी सेंट्रीफ्यूज को बर्बाद कर दिया।

ईरान के परमाणु वैज्ञानिक मुस्तफा अहमदी-रोशन की तेहरान में उनकी कार पर रखे गए बम धमाके में मौत हो गई। यह बम एक मोटरसाइकिल सवार ने रखा था। तेहरान के एक अधिकारी ने हमले के लिए इजरायल को दोषी ठहराया।

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था कि इजरायल को 10 हजार पन्नों का डेटा मिला है और इससे पता चलता है कि ईरान ने 2015 में दुनिया के ताकतवर देशों के साथ एक समझौते पर दस्तखत करने से पहले अपने परमाणु कार्यक्रम को छुपाया था।

ईरान के नतांज परमाणु संवर्धन फैसेलिटी में एक विस्फोट हुआ और इसने सेंट्रीफ्यूज प्रोडक्शन प्लांट को नष्ट कर दिया। ईरान ने इस हमले के लिए इजरायल को दोषी ठहराया।

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ईरान के एक शीर्ष मिलिट्री न्यूक्लियर साइंटिस्ट कि उस वक्त हत्या हो गई जब वह अपनी कार में तेहरान के बाहरी इलाके से गुजर रहे थे। ईरान के एक सुरक्षा अफसर ने इजरायल पर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल करके उनकी हत्या का आरोप लगाया।

ईरान के अंडरग्राउंड न्यूक्लियर फैसिलिटी पर हमला हुआ। ईरान ने इसके लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया इसी दौरान ईरान ने यूरेनियम के संवर्धन का काम शुरू किया।

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ईरान ने इजरायल पर अलग-अलग शहरों में उसके दो न्यूक्लियर वैज्ञानिकों को जहर देकर मारने का आरोप लगाया।

ईरान और इजरायल के बीच तनाव बढ़ गया और दोनों ने कई बार एक-दूसरे पर मिसाइलें दागीं। इस दौरान महसा अमिनी की मौत की वजह से भी ईरान के अदंर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए।

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बीते दिनों जब इजरायल ने हमला किया तो ईरान ने भी उसे इसका जवाब दिया और इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच चल रहा संघर्ष अब जंग में बदल गया है।

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