अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में ईरान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर वह नए परमाणु समझौते पर सहमत नहीं होता है तो उसे भीषण बमबारी और आर्थिक दबाव सहित गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। ट्रंप की इस धमकी के बाद ईरान भी मिसाइल दागने के लिए तैयार है। हालांकि मिसाइल हमले को लेकर ईरान की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।
तेहरान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ”ईरान ने अपनी भूमिगत मिसाइल सिटी में सभी लॉन्चर लोड कर लिए हैं और हमला करने के लिए तैयार है, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति ने देश को धमकी दी थी कि अगर वह अपने परमाणु समझौता नहीं करता है तो वह उस पर बमबारी कर देगा।” इसके साथ ही उन्होंने ईरान पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने की बात भी कही है। एनबीसी न्यूज से बातचीत में ट्रंप ने कहा था, “अगर वे समझौता नहीं करते हैं, तो बमबारी होगी। लेकिन इस बात की भी संभावना है कि अगर वे समझौता नहीं करते हैं तो मैं उन पर सेकेंडरी टैरिफ लगा दूंगा, जैसा मैंने चार साल पहले किया था।”
इससे पहले ईरान ने ट्रंप के पत्र के जवाब में अमेरिका के साथ सीधी बातचीत को खारिज किया था। ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने रविवार को कहा कि तेहरान ने उसके परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पत्र के जवाब में अमेरिका के साथ सीधी बातचीत को खारिज कर दिया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तेहरान के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम पर चिंता जताते हुए हाल में ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई को पत्र भेजा था।
पेजेशकियान ने ओमान के जरिये दी अपनी प्रतिक्रिया में वाशिंगटन के साथ अप्रत्यक्ष वार्ता की संभावनाएं बरकरार रखी हैं। हालांकि, इस तरह की वार्ता बहुत कारगर साबित नहीं हुई हैं, क्योंकि ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान उस परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया था, जो 2018 में विश्व शक्तियों के साथ तेहरान ने किया था।
ट्रंप का ईरान को अब तक का सबसे बड़ा अल्टीमेटम
अमेरिका यमन के ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों को निशाना बनाकर तेज हवाई हमले कर रहा है, ऐसे में ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाकर सैन्य कार्रवाई का जोखिम बना हुआ है। पेजेशकियान ने एक कैबिनेट बैठक के दौरान टेलीविजन पर कहा, ‘‘हम बातचीत से नहीं बचते हैं, लेकिन वादों के उल्लंघन के कारण हमारे सामने कुछ मुद्दे हैं। उन्हें (अमेरिका) यह साबित करना होगा कि वे विश्वास बहाली कर सकते हैं।’’ व्हाइट हाउस, अमेरिकी विदेश विभाग या अन्य अधिकारियों ने इस घोषणा पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
ट्रंप के पत्र के बाद ईरान का रुख सख्त हो गया है। ट्रंप का पत्र 12 मार्च को तेहरान पहुंचा था। हालांकि, टंप ने एक टेलीविज़न साक्षात्कार में घोषणा की कि उन्होंने इसे लिखा है। लेकिन ट्रंप ने इस बारे में बहुत कम जानकारी दी कि उन्होंने सर्वोच्च नेता से वास्तव में क्या कहा है। साक्षात्कार में ट्रंप ने कहा, ‘‘मैंने उन्हें एक पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि मुझे उम्मीद है कि आप बातचीत करेंगे, क्योंकि अगर हमें सैन्य रूप से आगे बढ़ना पड़ा, तो यह एक भयानक बात होगी।” ईरान ने लंबे समय से कहा है कि उसका कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है, जबकि उसके अधिकारी लगातार बम बनाने की धमकी देते रहे हैं। हालांकि, फरवरी में संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि ईरान ने हथियार-ग्रेड यूरेनियम के अपने उत्पादन में तेजी ला दी है। पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स
(एपी के इनपुट के साथ)