Trump Liberation Day Tariff: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक फेडरल कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने उनके ‘Liberation Day’ ट्रेड ऑर्डर्स को अमान्य करार दिया है और एकतरफा टैरिफ लगाने के उनके अधिकार पर भी सवाल उठाए हैं। याद दिलाना होगा कि डोनाल्ड ट्रंप ने कई देशों पर मनमाने टैरिफ लगा दिए थे और इसका एशिया के शेयर बाजारों पर बड़ा असर हुआ था। टैरिफ मामले को लेकर अमेरिका और चीन एक दूसरे के सामने आ गए थे और काफी दिनों तक तनातनी चली थी। कई दिन बाद दोनों देशों के बीच तनाव कम हुआ था।

US Court of International Trade ने अपने फैसले में कहा कि ट्रंप ने ग्लोबल टैरिफ को सही ठहराने के लिए इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनामिक पावर्स एट (IEEPA) का इस्तेमाल किया और ऐसा करके उन्होंने अपने अधिकारों का अतिक्रमण किया है। जजों के पैनल ने कहा कि व्हाइट हाउस ने इस मामले में पूरी तरह कानून के खिलाफ काम किया। अदालत ने कहा कि लगाए गए टैरिफ ऑर्डर्स राष्ट्रपति को हासिल किसी भी अधिकार से ज्यादा हैं। अदालत के फैसले के बाद ट्रंप की सबसे महत्वपूर्ण ट्रेड पॉलिसी पर रोक लग गई है।

अदालत का यह फैसला ट्रंप की आर्थिक नीतियों के लिए एक बड़े झटके की तरह है क्योंकि ट्रंप ने इसे इसे घरेलू निर्माण को बढ़ावा देने के रूप में पेश किया था।

आज की ताजा खबर, हिंदी न्यूज Aaj Ki Taaja Khabar, 29 मई 2025 LIVE:

व्हाइट हाउस ने इस फैसले की आलोचना की है और कहा है कि यह एक तरह का न्यायिक अतिक्रमण है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने कहा कि बिना निर्वाचन के आए जजों को यह नहीं तय करना चाहिए कि राष्ट्रीय आपातकाल से कैसे निपटना है। व्हाइट हाउस ने कहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका को सबसे आगे रखने का संकल्प लिया है और उनका प्रशासन अमेरिका की महानता को बहाल करने के लिए हर जरूरी कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।

अदालत में दो अलग-अलग मुकदमे दायर किए गए थे। एक मुकदमा शराब बनाने वाली कंपनी VOS Selections और चार अन्य अमेरिकी कंपनियों की ओर से दायर किया गया था। इन कंपनियों ने कहा था कि टैरिफ लगाए जाने की वजह से उनके कारोबार को जबरदस्त नुकसान हुआ है जबकि दूसरा मुकदमा ओरेगन के नेतृत्व में 12 राज्यों की ओर से दायर किया गया था। इसमें कहा गया था कि टैरिफ की वजह से सरकारी एजेंसियों की ओर से खरीदे जाने वाले सामान की लागत बढ़ जाएगी।

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इस मामले की सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से अदालत में पेश हुए वकीलों ने तर्क दिया कि ट्रंप की टैरिफ नीति पर कानूनी रोक लगाने की वजह से अमेरिका की वैश्विक स्थिति को नुकसान होगा लेकिन अदालत ने ट्रंप प्रशासन की दलीलों को खारिज कर दिया और कहा कि राजनीतिक वजहों से राष्ट्रपति को वह करने की इजाजत नहीं दी जा सकती जिसकी उन्हें कानून के तहत इजाजत नहीं है।

बताना जरूरी होगा कि ट्रंप ने जब कई देशों पर टैरिफ लगा दिया था तो इसका जोरदार विरोध हुआ था। उसके बाद व्हाइट हाउस ने अपने कदम पीछे खींच लिए थे और टैरिफ की दरों को कम कर दिया था। इसके साथ ही चीन से भी चल रही लड़ाई को अमेरिका ने कम करने की कोशिश की थी।

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