अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को कहा की कि वह जल्द ही इजरायल और ईरान के बीच शांति स्थापित करेंगे। कई कॉल और बैठकों का हवाला देते हुए ट्रंप ने कहा कि उनके हस्तक्षेप से कई संघर्ष-ग्रस्त देशों के बीच शांति हुई है लेकिन उन्हें कभी इसका क्रेडिट नहीं मिला।

ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “जल्द ही इजरायल और ईरान के बीच शांति स्थापित होगी! इस संबंध में कई कॉल और बैठकें हो रही हैं। मैं बहुत कुछ करता हूँ और कभी किसी चीज का श्रेय नहीं लेता लेकिन यह ठीक है, लोग समझते हैं। मिडिल-ईस्ट को फिर से महान बनाओ।” ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान शांति सहित कई अंतर्राष्ट्रीय कूटनीतिक उपलब्धियों का श्रेय भी लिया और दावा किया कि उन्होंने अमेरिका के साथ व्यापार के माध्यम से भारत और पाकिस्तान के बीच शांति स्थापित की, हालांकि इस दावे के समर्थन में कोई सबूत नहीं है।

ट्रंप ने लिखा, “ईरान और इजरायल को समझौता करना चाहिए और वे समझौता करेंगे, ठीक वैसे ही जैसे मैंने भारत और पाकिस्तान के साथ किया, उस मामले में अमेरिका के साथ व्यापार का उपयोग करके वार्ता में तर्क, सामंजस्य और विवेक लाया जाना चाहिए, दो उत्कृष्ट नेताओं के साथ जो तुरंत निर्णय लेने और रोकने में सक्षम थे!” हालांकि, भारत ने डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे को खारिज कर दिया कि पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम समझौते में व्यापार एक महत्वपूर्ण हिस्सा था और कहा कि दोनों सेनाओं के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच सीधी बातचीत के बाद यह समझौता हुआ।

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को मारने के संबंध में इजरायल द्वारा अमेरिका के समक्ष प्रस्तुत की गई योजना को वीटो कर दिया। एक अमेरिकी अधिकारी ने यह जानकारी दी। इजरायल ने हाल के दिनों में ट्रंप प्रशासन को सूचित किया कि उसने खामेनेई को मारने के लिए एक विश्वसनीय योजना बनाई है।

नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर अधिकारी ने बताया कि योजना के बारे में जानकारी मिलने के बाद ‘व्हाइट हाउस’ ने इजरायली अधिकारियों को स्पष्ट कर दिया कि ट्रंप इजरायल द्वारा यह कदम उठाए जाने के खिलाफ हैं। ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट करने के उद्देश्य से इजराइल के सैन्य अभियान को और भी व्यापक संघर्ष में बदलने से ट्रंप प्रशासन रोकना चाहता है और खामेनेई को मारने की योजना को एक ऐसे कदम के रूप में देखता है जो संघर्ष को और भड़काएगा और संभावित रूप से क्षेत्र को अस्थिर करेगा। पढ़ें- क्या पुतिन रुकवाएंगे ईरान-इजरायल युद्ध?

(AP के इनपुट के साथ)