रूस और यूक्रेन के बीच में पिछले तीन सालों से भीषण युद्ध जारी है। दूसरी तरफ अब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के रिश्ते सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं। हालात ऐसे बन चुके हैं कि अब अमेरिका ने यूक्रेन को दी जाने वाली मदद भी बंद कर दी है। इस एक्शन पर पहली बार यूक्रेन की सरकार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। यूक्रेनी सरकार ने दो टूक कहा है कि अमेरिका चाहता है कि कीव पर रूस का कब्जा हो जाए।

रॉयटर्स के मुताबिक एक जारी बयान में यूक्रेनी सरकार ने कहा है कि जो आर्थिक मदद रोकी गई है, वो बहुत खराब है। ऐसा लगता है कि अमेरिका चाहता है कि कीव पर कब्जा हो जाए। अब इस बयान के ज्यादा मायने इसलिए निकाले जा रहे हैं क्योंकि राष्ट्रपति ट्रंप पहले ही कह चुके हैं कि समझौता तो जेलेंस्की को करना पड़ेगा, वे यहां तक कह चुके हैं कि यूक्रेन को उसकी खोई हुई जमीन वापस नहीं मिलेगी।

उन बयानों के बीच अब क्योंकि मदद भी बंद कर दी गई है, यूक्रेन बड़े संकट से गुजर रहा है। अभी तक ज्यादातर आर्थिक सहायता वैसे भी अमेरिका से ही आ रही थी, यूरोप के दूसरे देश तो छोटी भूमिका में थे। लेकिन अब जब ट्रंप ने अपने हाथ पीछे खींचे हैं, पश्चिम के दूसरे देश जेलेंस्की के साथ खड़े हो गए हैं।

लेकिन फिर भी यहां पर यूक्रेन के लिए ज्यादा चिंता इसलिए है क्योंकि अभी तक इस युद्ध में सबसे ज्यादा आर्थिक सहायता अमेरिका से ही मिल रही थी, कुल राशि का 47 फीसदी हिस्सा वहां से आ रहा था।

ऊपर वाली टेबल ही बताने के लिए काफी है कि दूसरे देशों ने काफी कम मदद की है और ज्यादा सहायता अमेरिका से आई है। इसी वजह से अमेरिका यूक्रेन पर सबसे ज्यादा दबाव भी बना रहा है। लेकिन राष्ट्रपति जेलेंस्की साफ कह चुके हैं कि उन्हें यह युद्ध अभी खत्म होता नहीं दिख रहा। अब एक तरफ जेलेंस्की अड़े हैं तो दूसरी तरफ ट्रंप भी अपनी नीति बता चुके हैं, ऐसे में रूस-यूक्रेन युद्ध पर क्या असर पड़ेगा, यह जानने के लिए ये खबर पढ़ें