पिछले हफ़्ते म्यांमार में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था। बैंकॉक में भी भूकंप आया था और यहां केवल एक 30 मंजिला गगनचुंबी इमारत गिरी थी। हालांकि इसको लेकर चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। यह कथित भ्रष्टाचार, लागत में कटौती और लापरवाही का नतीजा भी था। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में निर्माणाधीन सरकारी टॉवर भूकंप के झटकों के बाद ढह गया था, वह अब चर्चा में है। ये थाईलैंड के निर्माण टेस्टिंग में खामियों को उजागर कर सकता है।
भूकंप के बाद बैंकॉक में अन्य ऊंची इमारतें सुरक्षित रहीं, लेकिन ये निर्माण ताश के पत्तों की तरह ढह गई। इससे इसके डिज़ाइन, मैटेरियल और परियोजना के पीछे के लोगों की ईमानदारी पर सवाल उठा दिए। सोमवार को जब ढहने की जांच तेज हुई, तो थाई अधिकारियों ने आपदा स्थल से संवेदनशील दस्तावेज़ों को हटाने का कथित प्रयास करने के लिए चार चीनी नागरिकों को हिरासत में लिया।
थाई समाचार एजेंसी द नेशन के अनुसार चीनी नागरिकों को गिरे हुए राज्य लेखा परीक्षा कार्यालय (SAO) भवन के प्रतिबंधित क्षेत्र में अवैध रूप से प्रवेश करते हुए और 30 से अधिक दस्तावेज़ों को वापस लेते हुए पकड़ा गया। पुलिस मेजर जनरल नोपासिन पूलस्वात ने ब्लूप्रिंट और निर्माण से संबंधित अन्य कागजी कार्रवाई सहित 32 फाइलों की बरामदगी की पुष्टि की। हिरासत में लिए गए लोगों में से एक (जिसके पास वैलिड वर्क परमिट था) ने प्रोजेक्ट मैनेजर होने का दावा किया, जबकि अन्य ने खुद को सब-कॉन्ट्रैक्टर बताया। उन्होंने तर्क दिया कि दावे की प्रक्रिया के लिए दस्तावेज महत्वपूर्ण थे। हालांकि उन पर सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया और आगे की जांच लंबित रहने तक उन्हें रिहा कर दिया गया।
म्यांमार में अक्सर क्यों आते हैं भूकंप?
थाईलैंड के स्टेट ऑडिट ऑफिस प्रोजेक्ट का हिस्सा 30 मंजिला गगनचुंबी इमारत तीन साल से निर्माणाधीन थी और इसे 2026 में पूरा होना था। द टेलीग्राफ यूके की एक रिपोर्ट के अनुसार 58 मिलियन डॉलर की यह परियोजना इतालवी-थाई डेवलपमेंट पीएलसी और चाइना रेलवे नंबर 10 (थाईलैंड) लिमिटेड, चाइना रेलवे ग्रुप की सहायक कंपनी के बीच एक ज्वाइंट वेंचर थी। थाई कानून के तहत विदेशी स्वामित्व 49 प्रतिशत तक सीमित था जबकि बची हिस्सेदारी थाई निवेशकों सोफोन मीचाई (40.80 प्रतिशत), प्रचुआब सिरिखेत (10.20 प्रतिशत) और मानस श्री-अनंत (तीन शेयरों के साथ एक छोटे शेयरधारक) के पास थी।
इमारत के ढहने के बाद उप प्रधानमंत्री अनुतिन चार्नविराकुल ने तत्काल जांच के आदेश दिए। उन्होंने टेलीग्राफ को बताया, “मैंने उन्हें इमारत गिरने के कारणों की रिपोर्ट देने के लिए सात दिन का समय दिया है।” विशेषज्ञों ने निर्माण में संभावित खामियों के बारे में चिंता जताई है। सिविल इंजीनियर और राजनीतिज्ञ प्रो. सुचाचावी सुवानसावास ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा, “आप सभी अन्य इमारतों को देखें, यहां तक कि निर्माणाधीन ऊंची इमारतों को भी, वे सुरक्षित हैं। इसलिए या तो डिजाइन गलत था या निर्माण गलत था, लेकिन निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी।” भ्रष्टाचार के आरोप और परियोजना में देरी आपदा से पहले ही ढह गई गगनचुंबी इमारत का निरीक्षण किया जा रहा था।
थाईलैंड के भ्रष्टाचार विरोधी संगठन के अध्यक्ष माना निमितमोंगकोल ने खुलासा किया कि सरकार ने पहले गंभीर देरी और अनियमितताओं के कारण परियोजना को रद्द करने पर विचार किया था। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार निरीक्षणों में श्रमिकों की कमी, परियोजना में रुकावट और संभावित लागत-कटौती उपायों का जिक्र किया गया। जनवरी में, ऑडिट कार्यालय ने अनुबंध को समाप्त करने की धमकी भी दी, जिसमें उप महालेखा परीक्षक सुथिपोंग बूनिथी ने पुष्टि की कि ढहने के समय केवल 30 प्रतिशत काम पूरा हुआ था।
घटिया मैटेरियल को लेकर भी चिंताए उभरी हैं। थाई उद्योग मंत्री अकानात प्रोम्फान ने खुलासा किया कि अधिकारी साइट से मैटेरियल का परीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी, “चीन से ट्रांसफर किए गए पुराने उपकरणों का उपयोग करने वाली कई फैक्ट्रियों ने घटिया स्टील का उत्पादन किया है।” रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार पिछले छह महीनों में अधिकारियों ने ऐसी सात फैक्ट्रियों पर कार्रवाई की है, जिसमें 360 मिलियन बहत ($10 मिलियन) की संपत्ति जब्त की गई है।
बिल्डिंग के ढहने से लोगों में आक्रोश फैल गया है। प्रधानमंत्री पैटोंगटार्न शिनावात्रा ने सभी एजेंसियों को पूरी जांच करने का आदेश दिया है। इस बीच थाईलैंड में चीन के राजदूत हान झिनकियांग ने जांच में पूरा सहयोग करने का वादा किया है। वित्तीय प्रभाव गंभीर रहा है। सोमवार को बाजार खुलने पर इटैलियन-थाई डेवलपमेंट पीएलसी के शेयरों में 30 प्रतिशत की गिरावट आई, जो बेंचमार्क इंडेक्स में 1 प्रतिशत की गिरावट से कहीं अधिक है। विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि यह घटना चीनी फर्मों से जुड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेशकों के विश्वास को हिला सकती है।
माना जाता है कि मलबे के नीचे अभी भी 76 लोग फंसे हुए हैं, जिनमें से अब तक 11 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। काउंसिल ऑफ इंजीनियर्स थाईलैंड के बोर्ड सदस्य एनेक सिरिपानिचगॉर्न ने कहा कि, “यह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं थी। ढहना गंभीर स्ट्रक्चरल विफलताओं की ओर इशारा करता है।”