कनाडा द्वारा G-7 समिट 15-17 जून तक आयोजित की जाएगी। अल्बर्टा के कनानास्किस में आयोजित होने वाले G-7 शिखर सम्मेलन के शुरू होने में दो हफ्ते से भी कम समय बचा है और भारत को अभी तक इस समिट के लिए निमंत्रण नहीं मिला है। ऐसे में अगर समिट में भारत को इनवाइट नहीं किया जाता है तो 2019 के बाद यह पहली बार होगा जब भारत शिखर सम्मेलन में उपस्थित नहीं हगा।
दिल्ली-ओटावा संबंधों में आई खटास किसी की नजर से नहीं बची है। 2023 में तत्कालीन कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा कनाडा स्थित खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय सरकारी एजेंटों की संभावित संलिप्तता का आरोप लगाने के बाद दोनों देशों के राजनयिक संबंधों में खटास आ गई थी। भारत ने आरोपों को बेतुका और प्रेरित बताते हुए खारिज कर दिया था।
आमतौर पर, जी-7 के मेज़बान देश कुछ देशों को अतिथि देश या आउटरीच पार्टनर के तौर पर आमंत्रित करते हैं। कनाडा ने अब तक यूक्रेन और ऑस्ट्रेलिया को आमंत्रित किया है। उसने अन्य अतिथि देशों के नाम जारी नहीं किए हैं।
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जी-7 शिखर सम्मेलन की समय-सीमा को देखते हुए यह साफ देखा जा सकता है कि निमंत्रण के लिए बहुत कम समय बचा है और सुरक्षा और संपर्क टीमें आमतौर पर प्रधानमंत्री की यात्रा से पहले ही कार्यक्रम स्थल पर पहुंच जाती हैं। ऐसे में इस बात की बहुत कम संभावना है कि मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, भले ही निमंत्रण अभी मिले। लेकिन, अगर निमंत्रण दिया जाता है तो संभावना है कि कोई मंत्री या सरकारी प्रतिनिधि भी इसमें शामिल हो सकता है। इस पर फैसला निमंत्रण मिलने के बाद ही लिया जाएगा।
2020 को छोड़कर जब मेजबान देश अमेरिका द्वारा G-7 की बैठक रद्द कर दी गई थी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 के बाद से हर शिखर सम्मेलन में भाग लिया है। अगस्त 2019 में बियारिट्ज़ में जी 7 नेताओं के शिखर सम्मेलन का मेजबान फ्रांस था। 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद यह पहला निमंत्रण था।
25 मई 2025 को कनाडा की नई विदेश मंत्री अनीता आनंद ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से फोन पर बातचीत की। मार्क कार्नी के कनाडा चुनाव जीतने और प्रधानमंत्री बनने के बाद यह दिल्ली और ओटावा के बीच पहला आधिकारिक राजनीतिक स्तर का संपर्क था, जिससे संबंधों में सुधार की उम्मीदें बढ़ गई हैं। आनंद ने कहा कि कनाडा, अमेरिका से अलग व्यापार में विविधता लाने के प्रयास के तहत भारत के साथ संबंधों को पुनः स्थापित करने के लिए तत्पर है भले ही कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के संबंध में आरसीएमपी की जांच जारी है।
एक साक्षात्कार में निज्जर की हत्या का जिक्र करते हुए अनीता आनंद ने कहा, “हम निश्चित रूप से एक समय में एक कदम उठा रहे हैं। जैसा कि मैंने उल्लेख किया है, कानून से कभी समझौता नहीं किया जाएगा और जिस मामले का आपने उल्लेख किया है, उसके संबंध में जांच चल रही है।” पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स