विदेश मंत्री एस. जयशंकर इस समय जर्मनी में हैं। उन्होंने जर्मनी के म्युनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में हिस्सा ले रहे हैं। इस दौरान उनसे पूछा गया कि क्या ग्लोबल लेवल पर लोकतंत्र खतरे में है? इसके बाद जयशंकर ने कांफ्रेंस में ही स्याही लगी अपनी इंडेक्स फिंगर दिखा दी। उन्होंने कहा कि हमारे लिए लोकतंत्र केवल एक सिद्धांत नहीं बल्कि एक डिलीवर किया गया वादा है।
कॉन्फ्रेंस के दौरान ही जयशंकर ने पश्चिमी देशों को आईना दिखाना शुरू कर दिया। उन्होंने बांग्लादेश का नाम लिए बगैर अमेरिका पर कटाक्ष किया। जयशंकर ने कहा कि वेस्ट ने ग्लोबल साउथ में गैर लोकतांत्रिक ताकतों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देश दुनिया पर अपने लोकतंत्र का मॉडल थोपने में लगे रहते हैं, लेकिन उन्हें भी पश्चिम के बाहर सफल मॉडलों को अपनाना चाहिए।
जयशंकर ने कहा, “एक समय था जब पश्चिम ने लोकतंत्र को ही पश्चिमी विशेषता के रूप में माना और वह ग्लोबल साउथ में गैर लोकतांत्रिक ताकतों को प्रोत्साहित करने में व्यस्त था। वह अभी भी ऐसा ही करता है। मैं कुछ हालिया मामलों की ओर इशारा कर सकता हूं, जहां आप कुछ भी कह सकते हैं।”
…तो इसलिए बैठकों में बच्चों को साथ ले जाते हैं एलन मस्क, ट्रंप को भी मिलता है फायदा
भारत के लोकतंत्र की तारीफ करते हुए जयशंकर ने कहा, “भारत के चुनाव के दौरान करीब दो तिहाई वोटर मतदान करते हैं। पिछले साल हमारे यहां आम चुनाव हुए, जिसमें करीब 90 करोड़ मतदाताओं में से 70 करोड़ मतदाताओं ने मतदान किया। एक ही दिन में गिनती होती है और नतीजों पर कोई विवाद नहीं होता।”
जयशंकर ने साफ शब्दों में कहा कि दुनिया भर में लोकतंत्र मुश्किल में है, यह कहना सही नहीं होगा। उन्होंने कहा कि भारत में मतदान प्रतिशत 20 फीसदी तक बढ़ा है, जिससे साबित होता है कि लोकतंत्र मजबूत हो रहा है। उन्होंने कहा कि हम अपने लोकतंत्र के भविष्य को लेकर आशावादी हैं।जयशंकर ने कहा कि पश्चिमी देश अपने यहां तो लोकतंत्र की बात करते हैं, लेकिन विदेश नीति में उसका पालन नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि हर देश की अपनी अलग पहचान होती है, इसलिए लोकतंत्र सबकी चाहत होनी चाहिए।