ऑस्ट्रेलिया में भारतीय मूल के एक व्यक्ति पर स्थानीय पुलिस ने कथित रूप से बर्बरता जैसी कार्रवाई की। इससे उसके मस्तिष्क में गंभीर चोट आई है और वह कोमा में है। इस घटना ने ठीक पांच साल पहले अमेरिका में अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड के साथ हुई ऐसी ही घटना की याद दिला दी। उसमें जॉर्ज फ्लॉयड की मौत हो गई थी। घटना को लेकर दुनिया भर में विरोध प्रदर्शन हुआ था।

ऑस्ट्रेलिया के एडीलेड में स्थानीय पुलिस की कथित तौर पर बर्बरता के शिकार बने भारतीय मूल के 42 वर्षीय गौरव कुंडी की हालत बेहद नाजुक है और वह कोमा में हैं। घटना 29 मई की है। आरोप है कि पुलिस ने गिरफ्तारी के दौरान उनकी गर्दन पर घुटना रख दिया, जिससे वे बेहोश हो गए। बाद में उनको बेहोशी हालत में रॉयल एडिलेड अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। इस पूरी घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें उनकी साथी अमृतपाल कौर जोर-जोर से चिल्ला रही हैं कि गौरव ने कुछ गलत नहीं किया।

वीडियो में गौरव बार-बार अपनी बेगुनाही की दुहाई देते दिख रहे हैं, जबकि कौर पुलिस पर अनुचित व्यवहार का आरोप लगा रही हैं। उनके मुताबिक गौरव को सड़क पर जबरन घसीटा गया, जमीन पर गिराया गया और एक अधिकारी ने उनकी गर्दन पर दबाव डाला। इस घटना की तुलना अमेरिका में 2020 में हुई जॉर्ज फ्लॉयड की दर्दनाक मौत से की जा रही है। उस घटना ने अमेरिका समेत पूरी दुनिया में विरोध प्रदर्शनों की आग भड़का दी थी।

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अमृतपाल कौर ने दावा किया कि जब गौरव का सिर पुलिस वाहन से टकराया तो वह इतने सदमे में थीं कि वीडियो बनाना बंद कर दिया। जब गौरव की तबीयत बिगड़ने लगी तो उन्होंने पुलिस से गुहार लगाई कि उसे थाने नहीं, बल्कि सीधे अस्पताल ले जाएं। आखिरकार गौरव को अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां वह जीवन रक्षक प्रणाली पर हैं। डॉक्टरों के अनुसार उनका मस्तिष्क बुरी तरह क्षतिग्रस्त है।

पुलिस का कहना है कि गौरव ने गिरफ्तारी का विरोध किया और उन्हें हस्तक्षेप करना पड़ा। हालांकि घटना की गंभीरता को देखते हुए अब इसकी जांच कमिश्नर स्तर पर की जा रही है। पुलिस कमिश्नर ग्रांट स्टीवंस ने कहा है कि हालात बेहद चिंताजनक हैं और हमें सबसे खराब सूचना और अनहोनी के लिए तैयार रहना होगा। यह मामला अब सिर्फ एक गिरफ्तारी से जुड़ा विवाद नहीं रह गया, बल्कि पुलिस की कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े कर रहा है, खासकर तब जब इसमें एक व्यक्ति की जान जोखिम में पड़ गई है। इस घटना ने न सिर्फ स्थानीय प्रशासन को हिला दिया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी गहरी चिंता पैदा कर दी है।