अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने अपने सलाहकारों को निर्देश दिए हैं कि अगर ईरान उनकी हत्या करता है तो उसे तबाह कर दिया जाए। अमेरिकी विभाग ने आरोप लगाया कि ईरानी अधिकारियों ने सितंबर में फरहाद शकेरी नाम के एक शख्स को ट्रंप पर नजर रखने और उनकी हत्या करने का निर्देश दिया था।

ईरान पर अधिकतम दबाव बनाने संबंधी शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर करने के दौरान ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा कि अगर ईरान ने ऐसा किया तो उसे तबाह कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने निर्देश दिए हैं कि अगर वे ऐसा करते हैं, तो उन्हें तबाह कर दिया जाए, जिसके बाद कुछ भी नहीं बचेगा।’’ अमेरिका के न्याय विभाग ने नवंबर में आरोप लगाए थे कि राष्ट्रपति पद के चुनाव से पहले ईरान ने ट्रंप की हत्या की साजिश रची थी जिसे नाकाम कर दिया गया।

अमेरिकी विभाग ने आरोप लगाया था कि ईरानी अधिकारियों ने सितंबर में फरहाद शकेरी (51) नामक शख्स को ट्रंप पर नजर रखने और उनकी हत्या करने का निर्देश दिया था। शकेरी अब भी ईरान में है।

वहीं, दूसरी ओर ईरानी अधिकारियों ने इस आरोप को खारिज कर दिया। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघेई ने दावा किया कि यह ईरान-अमेरिका संबंधों को जटिल बनाने के लिए इजरायल से जुड़े समूहों द्वारा रची गई साजिश है। जांचकर्ताओं को इस योजना के बारे में शकेरी से पता चला, जिस पर ईरानी सरकार का एजेंट होने का आरोप है। वह पहले डकैती के लिए अमेरिकी जेलों में सजा काट चुका था और कथित तौर पर निगरानी और हत्या की साजिश रचने के लिए तेहरान द्वारा भर्ती किए गए आपराधिक सहयोगियों का एक नेटवर्क बनाए रखता था।

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मैनहट्टन की संघीय अदालत में दायर शिकायत के अनुसार, ईरान में रहने वाले एक अफगान नागरिक शकेरी ने एफबीआई को बताया कि ईरान के अर्धसैनिक बल रिवोल्यूशनरी गार्ड में एक संपर्क ने उसे पिछले सितंबर में अन्य काम रोकने और सात दिनों के भीतर ट्रंप की निगरानी और हत्या की योजना बनाने का आदेश दिया था।

डोनाल्ड ट्रंप ने 2020 में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के कुद्स फोर्स के नेता कासिम सुलेमानी को मारने वाले हमले का निर्देश दिया था। अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, ट्रंप के खिलाफ ईरान की धमकी के कारण जुलाई में पेंसिल्वेनिया में एक चुनावी रैली से पहले सुरक्षा बढ़ा दी गई थी, जहां उनके कान में गोली मार दी गई थी। हालांकि, उस समय अधिकारियों ने कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि ईरान हत्या के प्रयास में शामिल था। पढ़ें- टैरिफ वॉर को लेकर झुके डोनाल्ड ट्रंप? मेक्सिको के बाद कनाडा को भी दी 30 दिन की राहत

(एपी के इनपुट के साथ)