Israel-Iran Conflict: ईरान और इजराइल एक-दूसरे पर मिसाइलों से हवाई हमला कर रहे हैं। ईरान के खिलाफ इजरायल ने अब तक का सबसे बड़ा हमला किया है। जिसे तेहरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने की कोशिश को लेकर शुरू किया गया है।
ईरान ने शुक्रवार रात और शनिवार की सुबह इजराइल में कई ठिकानों पर मिसाइल हमलों की बौछार की, यह हमला इजराइली हवाई हमलों का जवाब है। जिसमें ईरान की धरती पर कई उच्च रैंकिंग वाले सैन्य अधिकारी मारे गए। इस हमले में इजराइल की ओर 100 से अधिक ड्रोन शामिल थे।
जवाबी कार्रवाई की आशंका से घिरे इजरायल ने अपनी सीमा के बाहर अधिकांश ड्रोन को रोक लिया। यह बढ़ती स्थिति पिछले कई वर्षों में क्षेत्र में सबसे खतरनाक फ्लैशपॉइंट में से एक है, जिससे तनाव काफी बढ़ गया है।
ईरान के संयुक्त राष्ट्र राजदूत के अनुसार, तनाव की शुरुआत ईरानी परमाणु स्थलों पर इजरायली हमलों से हुई जिसमें 78 लोग मारे गए और 320 से ज़्यादा लोग घायल हुए, जिन्होंने कहा कि ऑपरेशन में जनरलों और वैज्ञानिकों को निशाना बनाया गया था, इसके बावजूद ज़्यादातर लोग आम नागरिक थे। ईरान ने तेल अवीव पर निशाना साधते हुए लंबी दूरी की दो मिसाइलों से जवाबी हमला किया, जिसमें दोनों हमलों में कम से कम 41 लोग घायल हो गए।
सालों से इजरायल ने इस तरह के हमलों की धमकी दी थी, जबकि लगातार अमेरिकी प्रशासन ने उन्हें रोकने की कोशिश की, क्योंकि उन्हें डर था कि यह व्यापक मध्य पूर्वी संघर्ष को भड़का देंगे। शुक्रवार की रात को जब प्रोजेक्टाइल और इंटरसेप्टर रॉकेट ने आसमान में धुएं और लपटों के निशान छोड़े, तो ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कसम खाई कि इजरायल “इस क्रूर अपराध से सुरक्षित रूप से बच नहीं पाएगा”।
‘इजरायल पर हमलों को रोकने में मदद की तो…’, ईरान ने अमेरिका और ब्रिटेन को दी वॉर्निंग
वहीं, तेहरान पर हुए इन हमलों के तुरंत बाद ईरान ने संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ चल रही परमाणु वार्ता से औपचारिक रूप से पीछे हटने की घोषणा कर दी है। ईरानी विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस तरह के ‘आक्रामक और उकसावे वाले कृत्य’ के बाद कोई भी बातचीत का आधार नहीं बचता। इस पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि ईरान के पास अभी भी एक दूसरा मौका है, अगर वे समझौता करना चाहें। इस बयान को अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों ने तनाव को और भड़काने वाला बताया है।
अमेरिका ने इजरायल की कार्रवाई को एकतरफा बताया है। फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा कि इजरायली हमलों में वाशिंगटन शामिल नहीं था।
अमेरिकी भूमि-आधारित वायु रक्षा प्रणालियों ने कथित तौर पर तेल अवीव की ओर बढ़ रही ईरानी मिसाइलों को मार गिराने में मदद की।
अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने मंत्रिमंडल की आपातकालीन बैठक बुलाई है।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो का कहना है कि क्षेत्र में अमेरिकी सेना की सुरक्षा उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
ईरान के संयुक्त राष्ट्र दूत ने अमेरिका पर हमलों में शामिल होने का आरोप लगाया है और कहा है कि वह “परिणामों के लिए पूरी तरह जिम्मेदार है”।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने दो महीने पहले ईरान को परमाणु समझौता करने के लिए 60 दिन का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन उसने इसका पालन नहीं किया। पढ़ें…पूरी खबर।