जापान की तकनीक को हर कोई देखकर हैरान होता है। कुछ ऐसा ही हुआ था जब जापान ने ओसाका खाड़ी में दो कृत्रिम द्वीप बनाए थे। उसके बाद फिर उन्हीं कृत्रिम द्वीपों पर कंसाई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बना दिया जिसे इंजीनियरिंग का चमत्कार माना जाता था। लेकिन अब ये हवाई अड्डा समुद्र में डूब रहा है। हवाई अड्डे का भाग लगातार धंसता जा रहा है और ओसाका खाड़ी में डूबता जा रहा है। हालांकि जापान हवाई अड्डे की अतिरिक्त क्षति को बचाने की कार्रवाई की जा रही है।

द स्ट्रेट्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार जापान में बने इस कृत्रिम द्वीप की सतह करीब 3.84 मीटर नीचे धंस गई है। जिसके बाद हवाई अड्डे की स्थिरता और तूफान प्रतिरोध क्षमता को लेकर भी प्रश्न चिन्ह खड़े हो गए हैं। इस परियोजना की शुरुआत 1980 से अब तक ये हवाई अड्डा 13.6 मीटर नीचे धंस चुकी है। हवाई अड्डे की नर्म मिट्टी उसका भार सहन नहीं कर पा रही है। समुद्र का बढ़ता दबाव इसे नीचे खींच रहा है। ऐसे में इस हवाई अड्डे के भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है।

पिछले दस वर्षों से अधिक समय तक कोई सामान न खोने का उत्कृष्ट रिकार्ड बनाए रखने की वजह से इस हवाई अड्डे को 2024 में सामान प्रबंधन के लिए दुनिया का सर्वश्रेष्ठ हवाई अड्डा घोषित किया गया था।

जापानी हवाई अड्डे की शुरुआत में स्थानीय आर्थिक प्रतिद्वंद्विता के मॉडल और पास के ओसाका हवाई अड्डे पर भीड़भाड़ कम करने के उद्देश्य और उसके समाधान के रूप में प्रशंसा की गई थी। तब से KIX ने घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों तरह की उड़ानों को समायोजित करने के लिए विस्तार किया है, जिसके बाद ये एक महत्वपूर्ण विमानन केंद्र के रूप में विकसित हुआ है।

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KIX को अपने कर्मचारियों, कुशलता और वास्तुशिल्प डिजाइन के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता मिली है। 2024 में लगभग 30.6 मिलियन यात्रियों ने इसके टर्मिनलों से होकर 25 देशों के 91 शहरों की यात्रा की। 2018 में आए जेबी तूफान ने हवाई अड्डे की कमजोरी को और भी स्पष्ट कर दिया था। इस विनाशकारी बाढ़ से डूब की समस्या से निपटने के महत्व को उजागर किया था इस तूफान के कारण आई बाढ़ के कारण इसे अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था।