Modi-Trump Meet Indian Oil Market: भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक साझेदारी अब और ज्यादा मजबूत होने वाली है। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक के बाद ऐसा कहा जा रहा है कि भारत अब अमेरिका से तेल भी आयात कर सकता है। अभी तक तो भारत की तेल की आपूर्ति रूस, इराक, सऊदी अरब जैसे देशों के जरिए ज्यादा पूरी हो रही थी, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप की नजर अब भारत के मार्केट पर है।
वे चाहते हैं कि भारत की पूरी तेल आपूर्ति अमेरिका के जरिए ही पूरी हो। असल में 11 लाख करोड़ रुपए का पेट्रोल-डीजल भारत हर साल दूसरे देशों से खरीद रहा है। इसके ऊपर बात जब तेल खपत की आती है, चीन और अमेरिका के बाद भारत तीसरे नंबर पर आता है। इसके ऊपर भारत का 80 फीसदी तेल दूसरे देशों से आता है, इसी वजह से हर देश चाहता है कि भारत उससे ही तेल खरीदे।
इसी वजह से माना जा रहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस 11 लाख करोड़ रुपए को पूरी तरह अपनी झोली में चाहते हैं, वे चाहते हैं कि भारत की तेल की जितनी भी मांग है, वो सिर्फ अमेरिका के जरिए पूरी हो।
बात अगर अकेले 2024 की करें, भारत ने सबसे ज्यादा कच्चा तेल रूस से मंगवाया है, इसके बाद नंबर इराक, सऊदी अरब, यूएई, अमेरिका और कुवैत का आता है। अब अमेरिका से भारत ने 2024 में मात्र 6.9 बिलियन डॉलर का तेल मंगवाया था, डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं यह आंकड़ा पूरी तरह बदल जाए और भारत की तेल की पूरी आपूर्ति अमेरिका द्वारा ही पूरी की जाए। वैसे यहां पर एक समझने वाली बात यह भी है कि भारत में सरकार नहीं बल्कि निजी और सरकारी कंपनियां यह फैसला करती हैं कि कहां से तेल खरीदना है। ऐसे में अगर अमेरिका की तरफ से ज्यादा आकर्षक ऑफर दिया जाएगा तो बिजनेस को ध्यान में रखते हुए भारत वहां से भी तेल खरीद सकता है।
लेकिन अमेरिका से तेल आयात करने में भारत को एक बड़ी चुनौती का भी सामना करना पड़ेगा। डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार कमजोर चल रहा है, उस वजह से अगर डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से भविष्य में भारत को कोई सहूलियत या रियायत नहीं दी गई तो भारत का व्यापार घाटा बढ़ता जाएगा और आने वाले समय में जबरदस्त महंगाई का सामना करना पड़ेगा। वैसे अगर भारत को चुनौती का सामना करना पड़ेगा तो ट्रंप को भी पीएम मोदी से डील करने में चुनौतियां रहेंगी। इस बारे में और जानने के लिए यहां क्लिक करें