Muhammad Yunus News: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस पिछले कुछ दिनों से चर्चा में चल रहे हैं। उनकी सत्ता खतरे में आ चुकी है, सड़कों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, उनके खिलाफ भी नारेबाजी शुरू हो चुकी है। इसी बीच खबर आई थी कि मोहम्मद यूनुस अपने पद से इस्तीफा देना चाहते हैं क्योंकि वे बिना राजनीतिक सपोर्ट के बड़े रिफॉर्म नहीं करवा पा रहे थे।
इसी कड़ी में शनिवार को एडवाइजरी कमेटी की अहम बैठक बुलाई गई और उसमें फैसला हुआ कि मोहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार के प्रमुख बने रहेंगे। बताया जा रहा है कि उस बैठक में चुनाव सुधार और न्याय जैसे कई मुद्दों पर चर्चा की गई थी, उसी बैठक में मोहम्मद यूनुस ने जोर देकर बोला था कि देश का सामान्य कामकाज बाधित हो चुका है, विभिन्न राजनीतिक दल की ओर से अजीब-अजीब मांगे की जा रही हैं, पूरे देश को संशय और भ्रम की स्थिति में लाया जा रहा है।
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अब जानकारी के लिए बता दें कि इस समय बांग्लादेश में जल्द से जल्द चुनाव करवाने की मांग हो रही है, लेकिन मोहम्मद यूनुस का तर्क है कि जब तक बड़े रिफॉर्म नहीं हो जाते, चुनाव नहीं करवाए जा सकते। वहीं अगर चुनाव करवाने का दबाव ज्यादा बनाया जाता है तो उस स्थिति में वे अपना पद तक छोड़ने को तैयार हैं। उनके मुताबिक जब तक चुनाव से पहले कुछ जरूरी रिफॉर्म नहीं किए जाएंगे, निष्पक्षता की गारंटी नहीं दी जा सकती। वैसे यहां पर समझने वाली बात यह है कि बांग्लादेश में पिछले एक साल से ही अस्थिरता का दौर जारी है।
मोहम्मद यूनुस से उम्मीद जरूर थी, लेकिन उनके कार्यकाल में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमले और ज्यादा बढ़ गए। इसके ऊपर बांग्लादेश की हुकूमत पूरी तरह भारत के खिलाफ हो गई, ऐसे बयान सामने आए जो भारत की संप्रभुता के लिए चुनौती बन गए। वैसे इस समय चुनौती शेख हसीना की भी बड़ी है क्योंकि वे फिर अपने देश वापस आना चाहती हैं, वे फिर सक्रिय राजनीति में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाना चाहती हैं। उनकी आवामी लीग भी इस समय बिखर चुकी है, उसे फिर एकजुट करने की तैयारी है। माना जा रहा है कि अगर चुनाव होते हैं तो उस स्थिति में फिर सत्ता वापसी की कवायद दिख सकती है।
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