नासा के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर नौ महीने से अधिक समय तक अंतरिक्ष में रहने के बाद हाल ही में पृथ्वी पर लौटे हैं। इस बीच दोनों ने मीडिया से बात करते हुए सोमवार को कहा कि वो भविष्य में अंतरिक्ष की यात्रा के लिए फिर से बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान से जाएंगे।अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 286 दिनों तक रहने के बाद 19 मार्च को पृथ्वी पर लौटने के बाद पहली बार मीडिया से बात करते हुए नासा के अंतरिक्ष यात्री विल्मोर ने कहा कि अंतरिक्ष यान में आई समस्याओं को ठीक करने के बाद वे बोइंग स्टारलाइनर से अंतरिक्ष में जाएंगे।

सीबीएस न्यूज के मुताबिक,विल्मोर ने बोइंग स्टारलाइनर पर भविष्य के प्रयासों के बारे में कहा, “हां, क्योंकि हम अपने सामने आई सभी समस्याओं को ठीक करने जा रहे हैं। हम उन्हें ठीक करने जा रहे हैं। हम इसे काम करने लायक बनाएंगे। बोइंग पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। नासा पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और इसके साथ, मैं तुरंत आगे बढ़ूंगा।”

बोइंग स्टारलाइनर के पहले पायलट मिशन को 5 जून 2024 को आठ दिनों के लिए लॉन्च किया गया था, जिसमें 62 वर्षीय विल्मोर और 59 वर्षीय विलियम्स सवार थे। जिसके बाद अंतरिक्ष यान ने स्पेसशिप के प्रेशराइजेशन सिस्टम में थोड़े हीलियम लीक का अनुभव किया, लेकिन स्टारलाइनर को हीलियम प्रेशराइजेशन सिस्टम लीक और जेट से पर्याप्त जोर न मिलने जैसी तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ा। इसलिए, नासा ने दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को ISS में ही रखने का फैसला किया।

पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स

बोइंग स्टारलाइनर के सवाल का जवाब देते हुए सुनीता विलियम्स ने कहा, “मैं सहमत हूं, अंतरिक्ष यान वास्तव में सक्षम है। कुछ चीजें थीं जिन्हें ठीक करने की जरूरत थी और लोग सक्रिय रूप से उस पर काम कर रहे हैं, लेकिन यह एक शानदार अंतरिक्ष यान है और इसमें बहुत सारी क्षमताएँ हैं जो अन्य अंतरिक्ष यान में नहीं हैं। उस चीज़ को सफल होते देखना और उस कार्यक्रम का हिस्सा बनना एक सम्मान की बात है।”

वहीं, भारत आने के सवाल पर सुनीता विलियम्स ने कहा, “मुझे उम्मीद है और मुझे यकीन है कि मैं अपने पिता के देश वापस जाऊँगी और लोगों से मिलूँगी और आने वाले इसरो मिशन पर जाने वाले भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के बारे में उत्साहित होऊँगी।” सुनीता विलियम्स की मां बोनी पांड्या स्लोवेनियाई-अमेरिकी मूल की हैं जबकि उनके पिता, दीपक पांड्या गुजरात से हैं । विलियम्स ने कहा कि वह इसरो के साथ अंतरिक्ष में अपने अनुभव साझा करना पसंद करेंगी और कहा कि यह बहुत अच्छा है कि भारत ने एक साथी लोकतंत्र होने के नाते अंतरिक्ष क्षेत्र में अपना कदम आगे बढ़ाया।

अरबपति बिजनेसमैन एलन मस्क के स्पेसएक्स क्रू 9 से 8 मार्च को फ्लोरिडा के तट पर उतरे सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर महज आठ दिन के लिए ISS गए थे लेकिन टेक्निकल फॉल्ट की वजह से दोनों को अंतरिक्ष में 278 दिन एक्स्ट्रा बिताने पड़े। हालांकि, अंतरिक्ष में इतना अधिक समय बिताने के बावजूद नासा के दोनों यात्रियों को ओवरटाइम वेतन नहीं मिलेगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हालांकि इसके लिए प्रस्ताव दिया है। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “किसी ने भी मुझसे इस बारे में कभी बात नहीं की। अगर मुझे करना पड़ा तो मैं अपनी जेब से इसका भुगतान करूंगा।” ट्रंप ने कहा, “क्या बस इतना ही है? उन्हें जो कुछ सहना पड़ा, उसके लिए यह बहुत ज्यादा नहीं है।” पढ़ें- क्या सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को अंतरिक्ष में ज्यादा समय बिताने के लिए मिलेगा ओवरटाइम?