Iran-Israel War News: ईरान और इजरायल के बीच में पिछले कुछ दिनों से भीषण युद्ध जारी है, दोनों तरफ से बमबारी हो रही है, कई लोगों की मौत हो चुकी है और लाखों लोगों का विस्थापन भी हुआ है। इस बीच सभी के मन में सवाल है कि आखिर ईरान इजरायल युद्ध का भविष्य कैसा होगा, इसका अंजाम क्या रहने वाला है?
असल में इजरायल को यह खुफिया जानकारी मिल गई थी कि ईरान एक परमाणु बम बनाने के काफी करीब पहुंच चुका है, उसकी आर्मी ने उसे इस बात के भी इनपुट दिए थे कि ईरान ने अलग-अलग वैज्ञानिकों को परमाणु बम बनाने के लिए बड़ी जिम्मेदारी दे रखी है। अब उस रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं था कि आखिर ईरान कौन सी स्टेज पर पहुंच चुका था, लेकिन खतरा बड़ा था और इसी वजह से इजरायल ने ईरान पर सबसे बड़ा अटैक किया।
सरल शब्दों में कहें तो इजरायल, ईरान की परमाणु हथियार बनाने की ताकत को खत्म करना चाहता है। इसी वजह से उसने जो हमले भी किए, वो खास तौर पर न्यूक्लियर फैसिलिटी के आसपास रहे। जानकार मानते हैं कि इजरायल ईरान को एटम बम बनाने से रोक नहीं सकता, वो बस इस पूरी प्रक्रिया को कुछ सालों के लिए टाल सकता है।
वैसे अब इजरायल का एक और मकसद सामने आया है, वो ईरान में सत्ता परिवर्तन भी चाहता है। अमेरिका दावा कर चुका है कि ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई इजरायल के निशाने पर है।
ईरान को इस बात का एहसास है कि उसके पास लेटेस्ट जेनरेशन के फाइटर जेट नहीं हैं, अभी भी वो रूस के पुराने MIG-29 ही उड़ा रहा है। लेकिन यह बात भी सच है कि पूरे मिडल ईस्ट में ईरान के पास बैलिस्टिक मिसाइल का सबसे बड़ा जखीरा है।
ईरान के पास इस समय स्मॉल रेंज से लेकर लॉन्ग रेंज वाली कई मिसाइल मौजूद हैं। जानकार मानते हैं कि इन मिसाइल्स के दम पर ईरान अगले कुछ और हफ्तों तक इजरायल के सामने टिक सकता है और पूरी संभावना है कि नेतन्याहू के देश को भारी नुकसान भी पहुंचा जाए।
इस युद्ध में पहली बार ईरान ने Haj Qassem मिसाइल का इस्तेमाल भी किया है। बड़ी बात यह रही कि उस मिसाइल ने इजरायल के एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा दे दिया।
हर जंग के बीच में बवाल की जड़ एक आदमी!
ईरान-इजरायल के युद्ध में अमेरिका की भूमिका अभी तक स्पष्ट नहीं हुई है। राष्ट्रपति ट्रंप ने लगातार क्योंकि ईरान पर ही सरेंडर करने का दबाव बनाया है, इससे इतना स्पष्ट जरूर है कि जरूरत पड़ने पर अमेरिका, इजरायल के साथ जा सकता है। उस स्थिति में ईरान की चुनौतियां काफी ज्यादा बढ़ जाएंगी। अमेरिका साफ कर चुका है कि अगर ईरान मिडिल ईस्ट में उसके बेस को निशाने पर लेगा, उस स्थिति में अमेरिकी सेना भी पूरी ताकत के साथ प्रहार करेगी।
खुद राष्ट्रपति ट्रंप संकेत दे रहे हैं कि आने वाले दिनों में कुछ बड़ा हो सकता है। यानी कि अगर अमेरिका ईरान के खिलाफ युद्ध में उतर जाए तो किसी को भी हैरानी नहीं होनी चाहिए।
ईरान-इजरायल युद्ध का भविष्य बहुत हद तक अमेरिका के स्टैंड पर भी निर्भर करने वाला है। अगर अमेरिका पूरी तरह से इस युद्ध में सक्रिय हो जाता है तो उस स्थिति में अंजाम और ज्यादा विस्फोटक बन सकते हैं। इस युद्ध का एक भविष्य यह भी है कि ईरान आने वाले दिनों में स्ट्रेट ऑफ होमुर्ज के रास्ते में रुकावट पेश कर सकता है। उससे पूरी दुनिया के लिए तेल सप्लाई बाधित हो जाएगी। एक संभावना यह भी है कि अगर इजरायल अपनी हवाई ताकत के दम पर लगातार अटैक करता रहे और अमेरिका का समर्थन भी मिल जाए, उस स्थिति में ईरान में सत्ता परिवर्तन को भी नकारा नहीं जा सकता।
इस युद्ध का एक चिंताजनक भविष्य यह भी है कि नेटो देश इसमें कूद जाएं। अभी जरूर ये युद्ध दो देशों के बीच चल रहा है, लेकिन अमेरिका का अगला कदम फैसला करेगा कि इसका असर कितना व्यापाक रहने वाला है।