विदेश मंत्री एस जयशंकर चार दिवसीय अमेरिका दौरे पर हैं। बुधवार को जयशंकर ने क्वाड समिट में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने आतंक के पनाहगारों को जमकर लताड़ा। पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए जयशंकर ने कहा कि दोषियों को सजा मिलनी चाहिए और पाकिस्तान इस मामले में साजिशकर्ता है। अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया समेत सभी देशों ने एकजुट होकर कहा कि पहलगाम हमले के गुनहगारों और इसके पीछे के साजिशकर्ताओं को हर हाल में सजा मिलनी चाहिए।

क्वाड देशों में अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया शामिल है। जयशंकर ने कहा कि इस बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो के साथ व्यापार, वीजा, रक्षा, निवेश और नौकरी को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। जयशंकर ने कहा कि पिछले 8 साल में क्वाड काफी मजबूत हुआ है। उन्होंने कहा कि हम सभी देशों ने तय किया कि समुद्र के नीचे केबल कनेक्टिविटी को बेहतर किया जाएगा, ताकि बेहतर इंटरनेट की सुविधा स्थापित की जा सके।

जयशंकर ने यह भी कहा कि इस साल के अंत तक भारत में क्वाड देशों की एक बड़ी बैठक हो सकती है। सभी चार देशों ने खनिजों को लेकर एक नई पहल की शुरुआत की है। इसके तहत जरूरी खनिजों को खोजा और निकाला जाएगा और समुद्रों में निगरानी को बढ़ावा दिया जाएगा।

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हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के बाद सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने अलग-अलग देशों का दौरा किया था। इसको लेकर भी जयशंकर ने अहम बयान दिया। उन्होंने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की सराहना की और कहा कि इसने दुनियाभर में पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर एक्सपोज कर दिया है।

जयशंकर ने जापान के विदेश मंत्री और ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री के साथ भी एक बैठक की। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आने वाली विदेश यात्राओं को लेकर भी चर्चा हुई। जयशंकर ने पाकिस्तान को लेकर कहा कि वह आतंकवादियों का पनाहगाह है और भारत को अपनी रक्षा का पूरा हक है। उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद सहित सभी ऐसे कृत्यों की निंदा करता है।

अब वैसे तो क्वाड समिट से भारत को वो सब हासिल हुआ जो हाल ही में एससीओ समिट से नहीं मिल पाया था। असल में एससीओ समिट में चीन का प्रभाव ज्यादा था और उस वजह से वहां पर जो जो संयुक्त बयान जारी हुआ, उसमें कहीं भी पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र तक नहीं किया गया। इसी वजह से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उस पर हस्ताक्षर करना भी ठीक नहीं समझा और वे वहां से चले गए। अब क्वाड समिट से भारत को यह जरूर हासिल हुआ है कि सभी देशों ने एक सुर में पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की है, उनकी तरफ से आतंकवाद का जिक्र भी किया गया है।

लेकिन क्वाड देशों की तरफ से पाकिस्तान का कहीं भी जिक्र नहीं किया गया। विदेश मंत्री जयशंकर ने तो जरूर सामने से पाकिस्तान का नाम लेकर उसे लताड़ा, लेकिन बात जब अमेरिका, जापान जैसे देशों की आई तो उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना ही आतंकवाद की निंदा की। जानकार मानते हैं कि भारत के लिए यह स्थिति भी मुफीद ही रही क्योंकि पाकिस्तान नाम लिए बिना भी कई बड़े देश पहलगाम हमले को लेकर जरूर एकजुट दिखाई दिए। बताया जा रहा है कि भारत भी क्वाड देशों के जारी बयान से इसलिए सहमत हुआ क्योंकि आतंकवाद का जिक्र इसमें किया गया।

वैसे एससीओ समिट में भी आतंकवाद का जिक्र हुआ, लेकिन वहां बात भारत की ना होकर पाकिस्तान के बलूचिस्तान की हुई। इस वजह से भी भारत नाराज हुआ क्योंकि इसे पूरी तरह पक्षपात के रूप में देखा गया। हैरानी की बात यह थी कि रूस भी एससीओ समिट में शामिल था और भारत का दोस्त होने के बावजूद भी उसने उस बयान का समर्थन किया। अब आतंकवाद को एकजुट करने की जो कसर एससीओ समिट में अधूरी रह गई थी, भारत ने क्वाड समिट से हासिल कर ली।