G7 Invitation: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कनाडा से मिला G7 का न्योता मिल गया है, कई दिनों तक सस्पेंस बना हुआ था। पीएम ने खुद एक्स पर पोस्ट शेयर कर इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि उनकी तरफ से कनाडा के पीएम को धन्यवाद दिया गया है।

पीएम मोदी ने लिखा कि मुझे बड़ी खुशी है कि आज कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क जे कार्नी से फोन पर बात हुई। हाल ही में उन्हें मिली चुनावी जीत के लिए बधाई दी गई। उन्होंने क्योंकि जी 7 समिट के लिए न्योता दिया गया, उसके लिए भी उनका आभार व्यक्त किया गया। भारत और कनाडा दो वाइब्रैंट डेमोक्रेसी हैं जहां पीपल टू पीपल रिश्ते काफी गहरे हैं, आपसी सम्मान की भावना के साथ दोनों देश काम करेंगे। समिट में उनसे मिलने का इंतजार है।

अब जी 7 समिट में भारत को न्योता मिलना मायने रखता है। 2019 से लगातार पीएम मोदी इस समिट का हिस्सा बन रहे थे, ऐसे में जब कई दिनों तक न्योता नहीं आया तो कांग्रेस ने भी सवाल उठाने शुरू कर दिए थे। भारत की कूटनीति को भी सवालों में लिया जा रहा था। जी 7 देशों मेंं अमेरिका, फ़्रांस, इटली, जापान, ब्रिटेन, वेस्ट जर्मनी और कनाडा शामिल है। जी 20 समूह में और देश हैं जिन्हें समिट के न्योता दिया जाता है।

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आंकड़े बताते हैं कि जी 7 देशों की दुनिया की अर्थव्यवस्था में भागीदारी अब घट गई है। जो आंकड़ा कभी 40 फीसदी से ज्यादा रहता था, अब 28 फीसदी पर सिमट चुका है। बड़ी बात यह है कि चीन अभी तक जी 7 का हिस्सा नहीं बन पाया है, उसकी प्रति व्यक्ति आय उन सात देशों के मुकाबले काफी कम है।

जानकारी के लिए बता दें कि जी 7 देश कोई भी कानून पारित करने की ताकत नहीं रखते हैं, ये कोई औपचारिक गुट भी नहीं है, इसके फैसले किसी देश के लिए अनिवार्य नहीं होते हैं। इतना जरूर है कि यहां हुए मंथन का असर फैसलों पर पड़ता है। उदाहरण के लिए 2002 में मलेरिया और एड्स के लिए जो ग्लोबस फंड बना था, उसमें जी 7 देशों की बड़ी भूमिका रही।

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