PM Modi In Thailand: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने थाईलैंड में आयोजित छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। इस मौके पर उनकी थाईलैंड के प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनवात्रा के साथ भी अहम बैठक हुई। उस बैठक में कई करार हुए, MOUs भी साइन किए गए। पीएम मोदी ने इस मौके पर कई मुद्दों पर विस्तार से बात की, थाईलैंड को मुश्किल समय में हर संभव मदद देने का वादा भी किया।
पीएम मोदी ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा का हमारे गर्मजोशी स्वागत के लिए आभार व्यक्त करता हूं। 28 मार्च को आए भूकंप में हुए जनहानि के लिए मैं भारत के लोगों की तरफ से गहरी संवेदनाएं प्रकट करता हूं और घायलों की शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। वैसे जिस भूकंप का जिक्र पीएम मोदी ने किया है, उसका सबसे ज्यादा असर म्यांमार में देखने को मिला जहां पर मौत का आंकड़ा अब 3000 के करीब पहुंच चुका है, कई घायल भी बताए जा रहे हैं। थाईलैंड में भी इस भूकंप की वजह से कई इमारतों को नुकसान पहुंचा है।
वैसे पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा का शुक्रिया भी अदा किया। उन्होंने कहा कि मैं थाईलैंड सरकार का आभारी हूं कि मेरी यात्रा के उपलक्ष्य में 18वीं शताब्दी रामायण म्यूरल पेंटिंग पर आधारित एक विशेष डाक टिकट जारी किया गया है। पीएम शिनावात्रा ने अभी मुझे तिपिटक की भेंट की है। थाईलैंड के साथ भारत के रिश्तों पर भी पीएम मोदी ने विस्तार से बात की, उन्होंने इसे एक गहरी दोस्ती करार दिया।
इस बारे में पीएम मोदी ने बोला कि भारत की एक्ट ईस्ट’ पॉलिसी और हमारे इंडो-पैसिफिक विजन में थाईलैंड का विशेष स्थान है। आज हमने अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारियां का रूप देने का निर्णय लिया है। सुरक्षा एजेंसियों के बीच ‘‘रणनीतिक वार्ता’ स्थापित करने पर भी चर्चा की। साइबर क्राइम के शिकार भारतीयों को वापस भारत भेजने में थाईलैंड सरकार से मिले सहयोग के लिए हमने थाईलैंड सरकार का आभार प्रकट किया।
पीएम ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए जोर देकर कहा कि हमने भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों और थाईलैंड के बीच पर्यटन, संस्कृति, शिक्षा क्षेत्रों में सहयोग पर बल दिया है। आपसी व्यापार, निवेश और व्यवसायों के बीच आदान प्रदान बढ़ाने पर हमने बात की। MSME, हैंडलूम और हस्तशिल्प में भी सहयोग के लिए समझौते किए गए हैं। भारत आसियान एकता और आसियान केन्द्रीयता का पूर्ण समर्थन करता है। इंडो-पैसिफिक में, फ्री, ओपन, नियम-आधारित व्यवस्था का हम दोनों समर्थन करते हैं। हम विस्तारवाद नहीं, विकासवाद की नीति में विश्वास रखते हैं।
वैसे अगर भारत और थाईलैंड के बीच हो रहे व्यापार की बात करें तो वर्तमान में यह आंकड़ा 16.04 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है। भारत एक तरफ थाईलैंड को 5.92 बिलियन डॉलर का सामान निर्यात करता है तो वहीं थाईलैंड की तरफ से भारत को 10.11 बिलियन डॉलर का इंपोर्ट मिलता है। यह आंकड़ा भी साल 2023 तक का है, ऐसे में इसमें अब और ज्यादा इजाफा हो चुका होगा।