Reciprocal Tariffs Donald Trump Explained: दुनिया में इस समय सबसे ज्यादा चर्चा एक शब्द की चल रही है- Reciprocal Tariffs। जब से डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं, उनकी तरफ से आर्थिक नीति बदलने पर पूरा जोर दिया जा रहा है। उनका सीधा फंडा चल रहा है, अगर उनके देश पर ज्यादा टैरिफ लगाया जाएगा, तो उस देश को भी उतने ही टैरिफ के लिए भी तैयार रहना पड़ेगा। अंग्रेजी में इसे Tit for Tat कहा जाता है।

Reciprocal Tariffs का सीधा मतलब होता है कि कोई देश अगर आप के सामान पर 10 फीसदी टैक्स लगा रहा है, तो आप भी उसके देश पर उतना ही टैक्स लगा देंगे। इस समान टैक्स प्रक्रिया को ही बिजनेस की भाषा में रेसिप्रोकल टैरिफ कहते हैं। इसे एक उदाहरण से भी समझ सकते हैं। मान लीजिए कि अमेरिका, भारत से आने वाले सामान पर सिर्फ 10 फीसदी टैरिफ लगाता है, लेकिन जब अमेरिका कोई सामान भारत को भेजता है तो हिंदुस्तान उस पर 70 फीसदी टैक्स लगा देता है।

यह जो भेदभाव है, इसी बात से डोनाल्ड ट्रंप नाराज हैं। वे चाहते हैं कि टैक्स के मामले में भी समानता आनी चाहिए, पूरी प्रक्रिया परदर्शी बनी रहनी चाहिए। अब ट्रंप की थ्योरी कहती है कि अगर भारत अमेरिका के सामान पर 70 फीसदी टैक्स लगाएगा तो उस स्थिति में अमेरिका भी भारत के सामान पर 70 फीसदी टैक्स ही लगा देगा।

सरल शब्दों में बोलें तो रेसिप्रोकल टैरिफ के तीन बड़े मकसद रहते हैं। सबसे पहले तो जब ट्रेड बैलेंस में संतुलन लाना होता है, तब रेसिप्रोकल टैरिफ लगा देते हैं। इसी तरह जब कोई देश चाहता है कि उसके स्थानीय उद्योगों की रक्षा हो सके, तब भी रेसिप्रोकल टैरिफ लगता है। इसके अलावा कई बार अनुचित बिजने कॉम्पीटिशन को रोकने के लिए भी कई देश रेसिप्रोकल टैरिफ का ही सहारा लेते हैं।

रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने से सबसे बड़ा नुकसान तो यह रहता है कि आयतित सामान महंगा होता जाता है। इसके ऊपर अगर दोनों ही देश लगातार एक दूसरे पर ऐसे ही टैरिफ लगाते रहते हैं तो ट्रेड वॉर का खतरा भी बढ़ जात है। रेसिप्रोकल टैरिफ के साथ एक बड़ी दिक्कत यह भी रहती है कि हर चीज पर समान टैक्स लगाना काफी मुश्किल होता है, उस वजह से इसे लागू करना थोड़ा चुनौती रहता है।

अब रेसिप्रोकल टैरिफ का भारत पर असर पड़ना तो तय है, लेकिन कितना यह कई बातों पर निर्भर करेगा। उदाहरण के लिए अगर अमेरिका भारत के पूरे सेक्टर पर ही ज्यादा टैरिफ लगाने का ऐलान करते हैं तो उससे व्यापक असर पड़ेगा, ज्यादा चीजें महंगी हो जाएंगी। लेकिन अगर ट्रंप सिर्फ कुछ खास वस्तुओं पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाएंगे, उस स्थिति में भारत पर असर कम दिखेगा क्योंकि यह जरूरी नहीं कि भारत भी वहीं सामान अमेरिका को निर्यात कर रहा हो। वैसे अगर ट्रंप चाहते हैं कि भारत टैरिफ कम करे, भारत भी उनसे कुछ उम्मीद लगाए बैठा है। उस बारे में जानने के लिए यहां क्लिक करें