Indian Immigrants Handcuff News: अमेरिका ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ बड़ा एक्शन लेते हुए 104 भारतीयों को डीपोर्ट कर दिया, अमेरिका के ही मिलिट्री एयरक्रॉफ्ट से उन्हें भारत भेजा गया। अब भारत में विवाद इस बात को लेकर चल रहा है कि जिन लोगों को वापस भेजा गया है, उन्हें हथकड़ी से बांध रखा था। देश के तमाम नेताओं को इसी बात से आपत्ति है, सोशल मीडिया पर भी इस व्यवहार को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। यहां समझने की कोशिश करते हैं कि अमेरिका में हथकड़ी को लेकर क्या कानून चलता है और आखिर क्यों भारत में इसे लेकर इतना बवाल चल रहा है।

अमेरिका में बात जब भी अवैध प्रवासियों के खिलाफ एक्शन की आती है, तो यह सारा काम Immigration and Customs Enforcement (ICE) देखता है। अब ICE तो साफ कहता है कि उन लोगों को अमेरिका डीपोर्ट करता है जो वीजा नियमों का पालन नहीं करता है, जो आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहता है या फिर समाज के लिए कोई बड़ा खतरा होता है। समझने वाली बात यह है कि डीपोर्ट करने की प्रक्रिया उन्हीं लोगों में चलती जो अमेरिका के नागरिक नहीं होते हैं।

सबसे पहले तो अमेरिका की जांच एजेंसी ऐसे लोगों की तलाश करती है, जो गलत तरीके से या कहना चाहिए अवैध तरीके से उनके देश में एंट्री लेते हैं। उसके बाद उन लोगों को डिटेंशन सेंटर में ले जाया जाता है। उन्हें वहां पर सिर्फ तभी तक रखा जाता है जब तक उन्हें इमिग्रेशन कोर्ट में पेश ना किया जाए। अब यह जो इमिग्रेशन कोर्ट होता है, यह भी डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के अंदर ही आता है। उसके बाद चेक किया जाता है कि जो अवैध प्रवासी उनके देश में आया है, उसका यहां आने का कारण क्या है, उसे असाइलम तो नहीं चाहिए?

अगर इस सवाल का जवाब ‘ना’ में होता है तब माना जाता है कि अब उस अवैध प्रवासी को वापस भेज दिया जाएगा। यहां भी इन अवैध प्रवासियों को मौका दिया जाता है कि वे चाहें तो अपने खर्चे से भी वापस लौट सकते हैं। वैसे यह सारी प्रक्रिया के बाद अमेरिका दो तरीके से अवैध प्रवासियों को वापस भेज सकता है- पहला तरीका रहता है चार्टर्ड प्लेन से, दूसरा तरीका होता है मिलिट्री एयरक्राफ्ट से।

अब बात करते हैं अमेरिका में लगने वाली हथकड़ी की। यहां पर यह एक आम प्रक्रिया है, अगर किसी को भी गिरफ्तार किया जाता है, पुलिस अधिकारियों को उसे हथकड़ी पहनाने की पूरी आजादी रहती है। यूएस का डिपार्टमेंट तो साफ कहता है कि अपराध चाहे कोई भी रहे, दुष्कर्म रहे या फिर कुछ और, सभी की सुरक्षा के लिए हथकड़ी बांधी जा सकती है। अमेरिका में एक और शब्द का काफी इस्तेमाल होता है- Terry Stop। इसका मतलब होता है कि लॉ एजेंसी ने किसी को गिरफ्तार तो नहीं किया है, लेकिन पूछताछ के लिए डिटेंशन में रखा हुआ है और उस समय उसे हथकड़ी बंधी हुई है।

वैसे अमेरिका में 1989 में एक बड़ा ही चर्चित मामला सामने आया था- Graham v. Connor। उस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पुलिस फोर्स का इस्तेमाल कर सकती है और उसमें हथकड़ी बांधना भी शामिल है। पुलिस को सिर्फ इतना साबित करना होता है कि जिस वक्त उसने फोर्स का इस्तेमाल किया या कहना चाहिए हथकड़ी बांधी, वो जरूरी था। ऐसे में अमेरिका में तो हथकड़ी किसी को बांधना कोई बड़ी बात नहीं है।

अब एक सवाल आता है कि भारत में हथकड़ियों को लेकर इतना बवाल क्यों। अब इसका जवाब भी भारत के कानून में और सुप्रीम कोर्ट के ही पुराने आदेशों में छिपा है। असल में सुप्रीम कोर्ट ने हथकड़ी बांधने को अनुच्छेद 21 का उल्लंघन माना था, भारत में हथकड़ी ना बांधने को इंसान की पर्सनल लिबर्टी से जोड़कर देखा जाता है। यहां तो कोर्ट उम्मीद करता है कि हथकड़ी बांधने को कभी भी एक चलन नहीं बनाना है, सिर्फ तभी इसका इस्तेमाल होना होता है जब जरूरी हो। इस पूरे बवाल की और जानकारी के लिए यहां क्लिक करें