Iran Israel News: इजरायल और अमेरिका का लगातार यही कहना है कि वे किसी भी कीमत पर ईरान को परमाणु बम नहीं बनाने देंगे। 12 दिनों तक चला ईरान और इजरायल के बीच हालिया संघर्ष भी इसी मुद्दे पर शुरू हुआ था। संघर्ष के दौरान अमेरिका ने जब ईरान में बम बरसाए तो उसने दावा किया कि ईरान के परमाणु ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया गया है।

अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने भी ट्रंप के दावों को सही ठहराया लेकिन अब पेंटागन के द्वारा तैयार की गई अमेरिकी खुफिया एजेंसी Defense Intelligence Agency (DIA) की एक रिपोर्ट ने इन दावों पर सवाल उठाया है।

DIA ने कहा है कि अमेरिका के हमले में ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बहुत बड़ा नुकसान नहीं पहुंचा है बल्कि यह सिर्फ कुछ महीने आगे खिसक गया है। CNN ने यह रिपोर्ट दी है। रिपोर्ट में इस बात को विस्तार से बताया गया है कि अमेरिका ने जब ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया तो उसके परमाणु कार्यक्रम को कितना नुकसान हुआ?

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रिपोर्ट बताती है कि ईरान की न्यूक्लियर साइट्स को कितना नुकसान हुआ है, इसके बारे में विश्लेषण किया जा रहा है और मौजूदा जानकारी में आगे बदलाव हो सकता है। CNN की रिपोर्ट में दो लोगों के हवाले से कहा गया है कि अमेरिकी हमले में ईरान का यूरेनियम भंडार खत्म नहीं हुआ है जबकि एक अन्य शख्स के हवाले से कहा गया है कि अमेरिका और इजरायल दोनों के हमलों के बाद भी सेंट्रीफ्यूज को बहुत नुकसान नहीं पहुंचा है।

रिपोर्ट कहती है कि लगभग 400 किलो यूरेनियम को ईरान ने 60% तक शुद्ध कर लिया था। इसे अमेरिका के द्वारा हमला किए जाने से पहले ही वहां से हटा लिया गया था और किसी दूसरी जगह पर भेज दिया गया है।

दूसरी ओर, ट्रंप ईरान के परमाणु ठिकानों के खत्म होने के अपने दावे पर अड़े हैं और उन्होंने इसे ‘फर्जी खबर’ बताया और इसके लिए न्यूयॉर्क टाइम्स और CNN की आलोचना की। उन्होंने ट्रुथ सोशल पर लिखा, ‘ईरान में परमाणु ठिकाने पूरी तरह तबाह हो गए हैं। टाइम्स और CNN दोनों को जनता की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।’

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इसके अलावा व्हाइट हाउस ने इस खुफिया रिपोर्ट को स्वीकार तो किया है लेकिन इससे असहमति जताई है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलीन लेविट ने रिपोर्ट को ‘पूरी तरह गलत’ बताते हुए खारिज कर दिया। इस सबके बीच यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या सीजफायर के बाद अमेरिका और ईरान परमाणु वार्ता को लेकर आगे बढ़ेंगे? इजरायल के द्वारा हमला किए जाने से पहले दोनों देशों के बीच बातचीत चल रही थी।

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