पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में रात भर चली मुठभेड़ में आखिरकार दो पुलिस अधिकारी और चार तालिबानी आतंकी मारे गए। इस बात की जानकारी गुरुवार को अधिकारियों ने दी है। सुरक्षाबलों को आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। इसके बाद उन्होंने रावलकोट जिले के हुसैन कोट फॉरेस्ट एरिया में अभियान चलाया था। रावलकोट के एसएसपी रियाज मुगल ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस ने इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की जानकारी मिलने के बाद सर्च ऑपरेशन चलाया।
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, एसएसपी ने बताया कि आतंकी एक गुफा में छिपे हुए थे और उन्हें घेर लिया गया था। लेकिन जब पुलिस ने उन्हें पकड़ने की कोशिश की तो आतंकियो ने पुलिस पर ग्रेनेड फेंका। इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की। एसएसपी ने कहा, ‘इस एनकाउंटर में चारों आतंकी मारे गए हैं।’ उन्होंने बताया कि तीन की पहचान जरनोश नसीम, उसके भाई जिब्रान नसीम और उल्फत के तौर पर हुई है। हालांकि, अभी तक चौथे की पहचान नहीं हो पाई है।
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मुगल ने पुष्टि की कि झड़प में दो पुलिस अधिकारी गुलजार और तारिक बशीर मारे गए। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी बताया कि घटनास्थल से तीन कलाश्निकोव राइफलें, हैंड ग्रेनेड और गोला बारूद-बरामद किया गया है। रीजनल पुलिस चीफ अब्दुल जब्बार ने कहा कि मारे गए आतंकी टीटीपी के थे। यह विद्रोहियों का एक ग्रुप है। यह एक बेहद ही हैरान करने वाली घटना थी, जब पुलिस ने पीओके में टीटीपी के आतंकियों को ढेर कर दिया।
टीटीपी को पाकिस्तान तालिबान के तौर पर भी जाना जाता है। यह संगठन साल 2007 में वजूद में आया था। ये संगठन पाकिस्तान सरकार और उसकी सेना के खिलाफ आतंकी गतिविधियां चलाता रहता है। TTP के सदस्य ज्यादातर पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान जैसे हिस्सों में एक्टिव हैं। ऐसा माना जाता है कि इनके लड़ाकों में ज्यादातर पश्तून समुदाय से हैं, जो अफगानिस्तान और पाकिस्तान दोनों देशों की सीमा और सीमा से सटे हुए इलाकों में रहते हैं। यही वजह है कि कि इन्हें अफगान तालिबान का भी साथ मिलता है।