दिल्ली चुनाव के अप्रत्याशित नतीजों ने आप संयोजक अरविंद केजरीवाल के फ्यूचर पर भी सवाल उठा दिए हैं। असल में अरविंद केजरीवाल ने इस चुनाव में अपनी सीट नई दिल्ली भी गंवा दी है। बड़ी बात यह है कि उनकी पूरी पार्टी शराब घोटाले में एक आरोपी बनाई गई है, ऐसे में उनकी आप संयोजक वाली कुर्सी भी खतरे में चल रही है। इसी वजह से सवाल उठने लगा है, केजरीवाल का अगला कदम क्या होगा?
अब अरविंद केजरीवाल के पास इस समय सबसे बड़ा विकल्प तो राज्यसभा में जाने का है। असल में पंजाब में तो 2028 में राज्यसभा के चुनाव होने हैं, तो वहीं दिल्ली में 2030 में चुनाव होंगे। समझने वाली बात यह है कि अरविंद केजरीवाल तब तक क्या करेंगे क्योंकि आप संयोजक की कुर्सी भी खतरे में चल रही है। असल में शराब घोटाले में ईडी ने पूरी आम आदमी पार्टी को आरोपी बना रखा है। ऐसे में अगर अदालत भी पार्टी को दोषी मान लेती है, उस स्थिति में तो पार्टी ही खत्म हो जाएगी और यह संयोजक का पद ही नहीं बचेगा।
इसी वजह से अरविंद केजरीवाल बीच मझधार में फंसे हुए हैं। एक चुनावी हार ने उनके सियासी अस्तित्व पर सवाल उठा दिए हैं। वैसे अब क्योंकि दिल्ली में बीजेपी की सरकार है, माना जा रहा है कि भ्रष्टाचार के सभी मामलों में जांच और तेज हो जाएगी, उस स्थिति में अगर केजरीवाल को जेल होती है और अगर उनके दूसरे नेता भी फिर जेल चले जाते हैं, उस स्थिति में पार्टी का नेतृत्व करना मुश्किल होता चला जाएगा।
वैसे आम आदमी पार्टी के लिए तो चुनौतियां इसलिए भी ज्यादा हैं क्योंकि अब उनका दिल्ली मॉडल ही ध्वस्त हो चुका है। जिसे शिक्षा क्रांति का श्रेय दिया जा रहा है, वो मनीष सिसोदिया हार चुके हैं। जिन सत्येंद्र जैन को केजरीवाल को स्वास्थ्य क्रांति के लिए बधाई देते नहीं तक थकते थे, शकूर बस्ती से उनकी करारी हार हुई है। जो सौरभ भारद्वाज आप के सबसे तेज तरार नेताओं में माने जाते थे, उन्होंने ग्रेटर कैलाश की सीट गंवा दी है। ऐसे में आम आदमी पार्टी के लिए संकट बड़ा है, केजरीवाल का विकल्प खोजना उससे भी ज्यादा चुनौती भरा है। वैसे आप के भविष्य पर तो और भी कई सवाल हैं, इस बारे में जानने के लिए यहां क्लिक करें