Basant Panchami 2025: पूरे देश में बसंत पंचमी का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। कई जगहों पर बसंत पंचमी को सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन घरों, स्कूलों सहित कई अन्य जगहों पर मां सरस्वती की पूजा की जाती है।
कब है बसंत पंचमी?
इस साल यह तिथि 2 फरवरी को सुबह 11 बजकर 54 मिनट से आरंभ हो रही है, जो अगले दिन यानी 3 फरवरी को सुबह 9 बजकर 36 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदया तिथि के हिसाब से बसंत पंचमी का त्योहार 2 फरवरी 2025 को सेलिब्रेट किया जाएगा। मालूम हो कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को पूजा के समय कई पारंपरिक चीजों का भोग लगाया जाता है। ऐसे में हम आपके लिए उन चीजों के नाम को लेकर आए हैं, जो आप मां सरस्वती को चढ़ा सकते हैं।
बसंत पंचमी पर आप मां सरस्वती को बेसन के लड्डू का भोग लगा सकते हैं। यह शुभ माना जाता है। आप इसको आसानी से बना भी सकते हैं। इसको बनाने के लिए आप सबसे पहले शुद्ध देसी घी में बेसन को भून लें और इसमें चीनी और इलायची को मिलाएं। इस तरह आप बेसन के लड्डू को बना सकते हैं। मालूम हो कि बेसन का लड्डू मां सरस्वती को काफी प्रिय है। आगे पढ़िएः बस 10 मिनट में बन जाएंगे बेसन के लड्डू
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को केसर और दूध से बनी खीर का भोग भी लगा सकते हैं। इसको मां सरस्वती के लिए आदर्श भोग माना जाता है। इसको काफी शुद्धता के साथ बनाया जाता है, जिससे मां सरस्वती प्रसन्न होती हैं। यह भी पढ़िएः केसर की खीर कैसे बनाएं?
माता सरस्वती को इस दिन आप विशेष तरीके का फल भी अर्पित कर सकते हैं। माता को ताजे फल चढ़ाना काफी शुभ माना जाता है। आप मां सरस्वती को भोग में केला और बेर को चढ़ा सकते हैं।
बसंत पंचमी के दिन आप मां सरस्वती को गुड़ और हल्दी से बने पीले मीठे चावल का भोग लगा सकते हैं। इस दिन मीठे चावल का विशेष महत्व है। यह भोग सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का भी प्रतीक माना जाता है।
मां सरस्वती को बसंत पंचमी के दिन पीले और सफेद फूल चढ़ाना काफी शुभ माना जाता है। पीला रंग ज्ञान, बुद्धि और ऊर्जा का प्रतीक है, जबकि सफेद रंग शुद्धता और सादगी को दर्शाता है। इन फूलों को चढ़ाने से मां सरस्वती प्रसन्न होती हैं।