Hyperactive children: बच्चे काफी चुलबुले और चंचल होते हैं। उनके लिए चंचलता काफी सामान्य होती है। हालांकि, कई बार बच्चा हर समय दौड़ता-भागता और यहां तक कि चिल्लाता रहता है। ऐसे में वह अपने काम में ध्यान नहीं लगा पाता है। इस तरह के बच्चे हाइपरएक्टिव होते हैं।

दरअसल, हाल ही के कुछ सालों में हाइपरएक्टिव बच्चों की संख्या काफी बढ़ी है। कई बार ऐसे बच्चों से माता-पिता के साथ बच्चे भी परेशान रहते हैं। ऐसे में इन्हें संभालना काफी मुश्किल होता है। इस लेख में हम आपको हाइपरएक्टिव बच्चों को संभालने के टिप्स के बारे में बताएंगे।

हाइपरएक्टिव बच्चे बिना किसी कारण के इधर-उधर भागते-दौड़ते रहते हैं। वे बार-बार किसी भी चीज को छूते या फिर तोड़ते रहते हैं और पढ़ाई में उनका मन नहीं लगता है। इस तरह के बच्चे घर और स्कूल में अनुशासनहीन होते हैं।

दिमागी विकास में बदलाव, अधिक समय तक टीवी या मोबाइल देखना, नींद की कमी, सही से भोजन नहीं मिल पाने के कारण भी बच्चे कई बार हाइपरएक्टिव हो जाते हैं। हालांकि, कई बार बच्चों के साथ तनावपूर्ण व्यवहार से भी इसका कारण होता है।

इस तरह के बच्चों को डांटने या मारने से स्थिति बिगड़ सकती है। माता-पिता को हाइपरएक्टिव बच्चों को ध्यान से सुनना चाहिए और उनकी भावनाओं को समझने की कोशिश करनी चाहिए।

अगर आपका भी बच्चा हाइपरएक्टिव है, तो आप उसके लिए एक दिनचर्या बनाएं। इसमें समय पर सोना, उठना, खाना और पढ़ाई करने को शामिल कर सकते हैं। इससे बच्चा अनुशासन में रहेगा और कुछ समय के बाद यह स्थिति ठीक हो जाएगी।

बच्चों के लिए आज के समय में स्क्रीन टाइम सीमित करना काफी जरूरी है। मोबाइल, टीवी या टैबलेट का सीमित उपयोग बच्चों की मानसिक स्थिति को बेहतर करता है। आगे पढ़िएः बॉडी में हो गई है Vitamin D की कमी? खाने में शामिल करें ये 5 फूड; धूप में जाए बिना ही होगी रिकवरी