Sant Kabir Das Ji Ke 10 Famous Dohe in Hindi: संत कबीरदास की जयंती 11 जून यानि आज मनाई जा रही है। इस दिन जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें याद किया जा रहा है। कबीरदास को न केवल कवि के रूप में बल्कि समाज सुधारक के तौर पर भी जाना जाता है। हर साल ज्येष्ठ पूर्णिमा को उनकी जयंती मनाई जाती है।

उन्होंने अपने दोहों और पदों के जरिए समाज में व्याप्त भेदभाव का खंडन किया था। इसके साथ ही प्रेम, एकता और भाईचारे का संदेश दिया था। कबीरदास जयंती पर आप भी उनके स्पेशन 10 दोहे सोशल मीडिया पर शेयर कर सकते हैं। इन दोहों में न केवल जीवन का सार छिपा है बल्कि ये बेहतर समाज बनाने के लिए भी लोगों को प्रेरित करते हैं।

1- ऐसी बानी बोलिए,मन का आपा खोय।औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होय॥

2- चाकी चलती देखि कै, दिया कबीरा रोइ।दोइ पट भीतर आइकै, सालिम बचा न कोई॥

3- माला फेरत जुग गाया, मिटा ना मन का फेर।कर का मन का छाड़ि, के मन का मनका फेर॥

4- दुख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोई।जो सुख में सुमिरन करे, तो दुख काहे को होय॥

5- गुरु गोबिंद दोऊ खड़े, काके लागू पाय।बलिहारी गुरु आपनो, जिन गोविंद दियो बताय।।

6- माटी कहे कुम्हार से, तू क्या रोंधे मोय।एक दिन ऐसा आएगा, मैं रोधुंगी तोय॥

7- मेरा मुझ में कुछ नहीं, जो कुछ है सो तेरा।तेरा तुझकौं सौंपते, क्या लागे है मेरा॥

8- प्रेमी ढूंढ़त मैं फिरूं, प्रेमी मिलै न कोइ।प्रेमी कूं प्रेमी मिलै तब, सब विष अमृत होइ॥

9- चलती चक्की देख के, दिया कबीरा रोए।दुइ पाटन के बीच में, साबुत बचा न कोय ॥

10- जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिये ज्ञान।मोल करो तरवार का, पड़ा रहन दो म्यान।।