अहमदाबाद में एअर इंडिया की विमान दुर्घटना में विमान में सवार 242 में से 241 यात्रियों ने जान गंवाई। अहमदाबाद सिविल अस्पताल के अधिकारियों ने डीएनए नमूनों के आधार पर अब तक छह पीड़ितों की पहचान कर ली है और शवों को उनके परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले, परिजनों द्वारा पहचान कर लेने के बाद आठ शव अस्पताल ने रिश्तेदारों को सौंप दिये गए थे और इन शवों की डीएनए प्रोफाइलिंग की जरूरत नहीं पड़ी थी। चिकित्सकों ने शनिवार को बताया कि विमान दुर्घटना स्थल से अब तक करीब 270 शव अस्पताल लाए जा चुके हैं।

पीड़ितों और परिवार के सदस्यों के डीएनए सैंपलिंग के बारे में FSL के डायरेक्टर एचपी संघवी ने कहा, “दुर्घटना के कारण बहुत बड़ी लपटें उठीं। ऐसी हाई टेम्परेचर वाली लपटों के कारण व्यक्ति की पहचान करना असंभव है इसलिए डीएनए टेस्ट आवश्यक है। हालांकि, ऐसी ऊंची लपटें शरीर में मौजूद डीएनए को भी प्रभावित करती हैं। पोस्टमार्टम के दौरान डीएनए एकत्र करने के लिए शरीर का सही हिस्सा मिलना चाहिए। मृतक और परिवार के सदस्यों के सभी डीएनए सैंपल एफएसएल को सौंपे जाते हैं,यह एक जटिल प्रक्रिया है। एक टेस्ट पूरा होने में लगभग 36-48 घंटे लगते हैं।”

#WATCH | Air India Plane Crash | Gandhinagar: On DNA sampling of the victims and the family members, FSL Director HP Sanghvi says, “…The huge flames emerged from the crash. The high-temperature flame makes identifying a person impossible, making DNA examination essential.… pic.twitter.com/JDDBhORiIF

FSL डायरेक्टर ने आगे बताया, यह बैचों में किया जा रहा है और कई टेस्ट एक साथ किए जा रहे हैं। प्रोफाइल मैचिंग शुरू हो गई है और रिजल्ट आने लगे हैं। डॉक्टर और पुलिस एजेंसियां ​​शवों को परिवारों को सौंपने की प्रक्रिया में हैं। हमें उम्मीद है कि यह काम जल्द से जल्द पूरा हो जाएगा। गुजरात फॉरेंसिक लैब के 36 विशेषज्ञों की पूरी टीम इस काम के लिए तैनात है।हम राष्ट्रीय फोरेंसिक लैब के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।”

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डीएनए मिलान की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने शनिवार को राज्य फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (FSL) के अधिकारियों के साथ बैठक की। सिविल अस्पताल के अतिरिक्त सिविल अधीक्षक डॉ रजनीश पटेल ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि छह डीएनए नमूनों के नतीजे आ गए हैं और उन छह पीड़ितों के रिश्तेदारों को शव लेने के लिए फोन पर सूचित कर दिया गया है।

पटेल ने कहा, ‘‘अन्य पीड़ितों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए डीएनए प्रोफाइलिंग जारी है क्योंकि उनके शव पहचान से परे जल चुके थे। अब तक मिलान प्रक्रिया के बाद छह डीएनए नमूनों के नतीजे आ चुके हैं। हमने इन 6 व्यक्तियों के परिवार के सदस्यों को सिविल अस्पताल से शव लेने के लिए सूचित कर दिया है।’’ उन्होंने कहा कि एक पीड़ित का परिवार आज शव ले जाएगा जबकि दूसरे का परिवार रविवार सुबह शव लेने के लिए अस्पताल पहुंचेगा।

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गांधीनगर में एफएसएल में बैठक के बाद मंत्री संघवी ने कहा कि डीएनए मिलान की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, ‘‘गुजरात भर से फॉरेंसिक विशेषज्ञों के अलावा केंद्र द्वारा भेजे गए कई विशेषज्ञ डीएनए नमूनों के मिलान के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। जैसे ही नतीजे आते हैं, हम उन्हें सिविल अस्पताल भेज देते हैं, ताकि परिवार शवों का दावा कर सकें।” उन शवों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए डीएनए प्रोफाइलिंग का काम जारी है, जो पहचान से परे जल गए थे।

सिविल अस्पताल में परिजनों से डीएनए नमूने एकत्र करने के बाद, इन नमूनों को मिलान के लिए अहमदाबाद और गांधीनगर में एफएसएल भेजा जाता है। पुलिस इंस्पेक्टर चिराग गोसाई ने कहा, ‘‘शुक्रवार तक करीब 220 मृतकों के रिश्तेदारों ने अपने नमूने देने के लिए पुलिस से संपर्क किया था।” उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रूम में पहुंचने वाले रिश्तेदारों से विवरण एकत्र किया जाता है और फिर इन लोगों को डीएनए नमूने देने के लिए बीजे मेडिकल कॉलेज भेजा जाता है। इंस्पेक्टर ने कहा, ‘‘डीएनए नमूनों के मिलान की प्रक्रिया पूरी होने में करीब 72 घंटे लगेंगे। एक बार मिलान हो जाने पर शव पोस्टमार्टम कक्ष से परिजनों को सौंप दिए जाएंगे।’’ पढ़ें- विमान में सवार यात्रियों के अलावा मारे गए 33 लोगों को भी मुआवजा देगा Tata Group

(भाषा के इनपुट के साथ)