All India Muslim Personal Law Board: वक्फ कानून को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद से ही बीजेपी के सहयोगी दल आलोचना का सामना कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने संसद के दोनों सदनों में इससे संबंधित बिल का समर्थन किया था। अब ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने साफ-साफ कहा है कि बीजेपी के सहयोगी और एनडीए में शामिल राजनीतिक दल वक्फ कानून को वापस लेने के लिए सरकार पर दबाव डालें।

मुसलमानों की नुमाइंदगी करने वाले इस संगठन ने चेताया है कि अन्यथा वे हर जगह मुस्लिम समुदाय के विरोध का सामना करने के लिए तैयार रहें।

बताना होगा कि मंगलवार को AIMPLB ने दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में वक्फ बचाओ कार्यक्रम किया था। इसमें देश भर के कई मुस्लिम संगठनों के साथ ही विपक्षी दलों के नेता भी शामिल हुए थे।

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वक्फ कानून का भाजपा के सहयोगी दल- जनता दल यूनाइटेड, तेलुगु देशम पार्टी, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और हिंदुस्तानी एवं मोर्चा (सेकुलर) ने संसद में बिल का समर्थन किया था। AIMPLB का कहना है कि इन दलों ने मुसलमान की पीठ में छुरा घोंपा है। याद दिलाना होगा कि वक्फ कानून का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में है और इस मामले में 5 मई को सुनवाई होनी है।

AIMPLB के महासचिव मोहम्मद फजलुर रहीम ने बताया कि वक्फ बचाओ कार्यक्रम में इस बात का संकल्प लिया कि इस कानून के वापस होने तक लड़ाई को जारी रखा जाएगा।

सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने AIMPLB के महासचिव का समर्थन किया और कहा कि मुस्लिम समुदाय को राजनीति के जरिए बीजेपी के सहयोगी दलों के नेताओं को सबक सिखाने का संकल्प लेना चाहिए और इसकी शुरुआत बिहार के चुनाव से करनी चाहिए। इसी तरह राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज कुमार झा ने भी AIMPLB का समर्थन किया।

कार्यक्रम में हैदराबाद के सांसद और AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि वक्फ का कानून इसकी संपत्तियों की रक्षा के लिए नहीं बल्कि वक्फ की जमीन हड़पने वालों को उसका मालिक बनाने के लिए लाया गया है।

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