Yogi Adityanath Rohingya Encroachment Gorakhpur: क्या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह नगर गोरखपुर में रोहिंग्याओं ने करोड़ों की जमीन पर कब्जा कर लिया है? बीजेपी नेता अनुपमा आर्या की शिकायत पर जमीन पर कब्जे का यह मामला सामने आया है। अनुपमा आर्या ने जमीन विवाद के मामले में पुलिस को तहरीर दी है और जमीन पर कब्जा करने वालों को रोहिंग्या बताया है।

अनुपमा आर्या पिपराइच नगर पंचायत की पूर्व अध्यक्ष हैं।

जिस जमीन को लेकर विवाद और मारपीट हुई है, यह गढ़वा चौक के पास है। इस जमीन की कीमत करोड़ों रुपये बताई जा रही है। इस जमीन पर कब्जे को लेकर लंबे समय से झगड़ा चल रहा था।

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बीजेपी नेता अनुपमा आर्य के आरोपों के मुताबिक, शनिवार सुबह कुछ दबंग मजदूरों के साथ जमीन पर पहुंचे और वहां बाउंड्री बनाने लगे। इसकी सूचना मिलने पर अनुपमा आर्या अपने पति मुरारी लाल एडवोकेट और बेटे सूर्यांश गुप्ता के साथ मौके पर पहुंचीं और बाउंड्री बनाने का विरोध किया। इसे लेकर दोनों पक्षों में विवाद बढ़ गया और मारपीट हो गयी।

मारपीट में अनुपमा, उनके पति और बेटे घायल हो गए थे। दूसरे पक्ष के शाहनवाज को भी चोटें आई थी। यह घटना शनिवार को हुई थी और अनुपमा ने इस मामले में पुलिस से शिकायत की थी। अनुपमा ने शिकायत में कहा है कि उस जमीन पर रोहिंग्या रह रहे हैं और उन्होंने जमीन पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने अपनी शिकायत में मजीद, शाहनवाज, रमजान, शोएब, पून्नू आदि लोगों का नाम लिया है।

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गोरखपुर के एसपी नॉर्थ जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष अनुपमा आर्या की तहरीर के आधार पर पांच नामजद और 50 अज्ञात रोहिंग्याओं पर केस दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन की टीम इस मामले में जांच करेगी और इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

याद दिलाना होगा कि हाल ही में हुए दिल्ली के विधानसभा चुनाव में रोहिंग्याओं का मुद्दा काफी जोर-शोर से उठा था। बीजेपी ने कहा था कि दिल्ली में उसकी सरकार बनने पर रोहिंग्याओं को राजधानी के बाहर खदेड़ दिया जाएगा। चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी दिल्ली में चुनाव प्रचार किया था। योगी ने तत्कालीन आम आदमी पार्टी की सरकार पर रोहिंग्याओं को अवैध रूप से दिल्ली में बसाने और उनके आधार कार्ड बनाने के गंभीर आरोप लगाए थे।

चूंकि गोरखपुर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह नगर है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि पुलिस इस मामले में तथ्यों की जांच के बाद सख्त कार्रवाई कर सकती है।

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