Manipur Situation: मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्य में एक लोकप्रिय सरकार को लेकर सहमत हैं। यह बात सिंह ने दिल्ली में केंद्रीय भाजपा नेतृत्व के साथ चर्चा के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान कही।
पूर्व सीएम बीरेन सिंह ने कहा कि लोगों की लोकप्रिय सरकार की इच्छा के संबंध में उन्होंने (शाह ने) कहा कि केंद्रीय नेता भी यही चाहते हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि राज्य में विकसित हो रहे हालात के आधार पर इस मामले पर जल्द ही चर्चा की जाएगी। सिंह ने कहा कि उन्होंने शाह को गंभीर स्थितियों से अवगत कराया है।
बता दें, मणिपुर में 13 फरवरी से राष्ट्रपति शासन लागू है। हाल ही में 23 भाजपा विधायकों (पार्टी के 37 विधायकों में से, और सभी सात कुकी विधायकों को छोड़कर) ने एक बयान जारी कर कहा कि उन्होंने राज्य में एक लोकप्रिय सरकार के गठन की दिशा में काम करने के व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को अलग रखने का संकल्प लिया है। इनमें बिरेन का विरोध करने वाले और उन्हें हटाने के दबाव के दौरान उनका समर्थन करने वाले दोनों शामिल थे।
तब से मणिपुर में हिंसा की एक नई लहर देखी गई है, जब सीबीआई ने कट्टरपंथी मैतेई संगठन के स्वयंभू नेता अरम्बाई टेंगोल के खिलाफ कार्रवाई की थी। राज्य के हालात पर नेतृत्व को जानकारी देने के लिए बीरेन सोमवार को राज्यसभा सांसद लीशेम्बा सानाजाओबा के साथ दिल्ली के लिए रवाना हुए थे।
पूर्व सीएम ने बताया कि उन्होंने शाह से दो बार मुलाकात की। सोमवार देर रात दो घंटे की मुलाकात और मंगलवार दोपहर को 45 मिनट की मुलाकात। उन्होंने कहा कि हमने राज्य के सामने आने वाले मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की और मणिपुर में बिगड़ते हालात से भी उन्हें अवगत कराया।
बीरेन सिंह ने कहा कि उन्होंने (शाह ने) हमें कुछ बुनियादी जिम्मेदारियां दी हैं, जिनका मैं फिलहाल खुलासा नहीं कर सकता।हालांकि, मणिपुर में जारी हिंसा को हल करने के लिए नागरिक निकायों, विधायकों और जनता को एकमत से कदम उठाना चाहिए।
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भाजपा नेता ने कहा कि शाह संकट को दूर करने के लिए विभिन्न समुदायों के साथ कई दौर की बातचीत कर रहे हैं और उन्होंने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र मणिपुर की “क्षेत्रीय अखंडता” को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। कुकी समुदाय की एक प्रमुख मांग समुदाय के लिए एक अलग स्वायत्त क्षेत्र है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध प्रवासियों का मुद्दा भी उठा और उन्होंने उनकी पहचान के लिए 30 दिनों का समय बढ़ाने का अनुरोध किया।
बता दें, मणिपुर में 3 मई 2023 से मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच जातीय हिंसा शुरू हुई, जो अभी तक जारी है। यह हिंसा मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मांग के विरोध में शुरू हुई, जिसके बाद दोनों समुदायों के बीच टकराव बढ़ गया। इस हिंसा में अब तक, 300 से अधिक लोग मारे गए हैं। 60,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए, और 4,786 घर जलाए गए। इस हिंसा में 386 धार्मिक स्थल, जैसे मकान, चर्च और मंदिर, भी नष्ट हुए। केंद्र और राज्य सरकार की कोशिशों के बावजूद स्थिति नियंत्रण में नहीं आई। इसके बाद 9 फरवरी 2025 को मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद से वहां राष्ट्रपति शासन लागू है। मणिपुर में कुछ दिनों की शांति के बाद फिर से हिंसा भड़क उठी है। जगह-जगह विरोध प्रदर्शन और आगजनी की घटनाएं हो रही हैं। पढ़ें…पूरी खबर।