देश के कई हिस्सों में समय से पहले मानसून आ गया है। पूर्वोत्तर के राज्यों असम, मणिपुर, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के कारण कई स्थानों पर बाढ़ की स्थिति बन गई है। यहां हालात काफी गंभीर हो गए हैं। लोगों को बाढ़ और जलभराव की वजह से भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई गांव पानी में डूब गए हैं। सड़कों और घरों में पानी भर गया है। मौसम विभाग के मुताबिक छह जून तक पूर्वोत्तर के राज्यों में लगातार बारिश जारी रहने का अनुमान है। इस आपदा से अब तक 34 लोगों की मौत हो चुकी है। हजारों लोग बेघर हो गए हैं। सड़कें, पुल और बिजली की लाइनें टूटने से राहत कार्य में बाधा भी आ रही है।

बाढ़ की सबसे गंभीर स्थिति मणिपुर के इम्फाल जिले में देखने को मिल रही है। यहां राहत और बचाव कार्य के लिए सेना और असम राइफल्स की मदद ली जा रही है। “ऑपरेशन जल राहत-2” के तहत सेना और असम राइफल्स ने इम्फाल के पूर्वी और पश्चिमी इलाकों में बचाव अभियान तेज कर दिया है। इनमें वांगखेई, हेइंगंग, लामलोंग, खुरई, जेएनआईएमएस और अहलुप जैसे इलाके शामिल हैं, जहां पानी का स्तर बहुत ज्यादा है।

अब तक इन क्षेत्रों से 500 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। कुछ इलाकों में भूस्खलन से भारी नुकसान हुआ है। सिक्किम में आर्मी का कैंप भी चपेट में आया है।

बचाव कार्यों के लिए 10 बाढ़ राहत टीमें लगाई गई हैं। ये टीमें विशेष बोट्स (BAUTs) और रबर से बनी इंफ्लेटेबल नावों से लैस हैं, जो जलमग्न इलाकों में तेजी से राहत पहुंचाने में मददगार हैं। सेना ने थौबल जिले के लिलोंग इलाके में इरिल नदी की टूटी हुई सीमा दीवार की मरम्मत कर बाढ़ को और फैलने से रोकने की कोशिश भी की है।

इम्फाल के जेएनआईएमएस अस्पताल में भी कई मरीज पानी में फंस गए थे। सेना की नावों ने उन्हें सुरक्षित जगहों तक पहुंचाया। इसके अलावा प्रभावित इलाकों में रह रहे लोगों को पीने के पानी की 800 से ज्यादा बोतलें और दूसरी ज़रूरी चीजें दी गईं।

भारतीय सेना और असम राइफल्स राज्य प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, जिससे पीड़ितों को समय पर मदद मिल रही है और राहत कार्य लगातार जारी है। यह समन्वय प्रभावित लोगों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है।