असम, सिक्किम समेत पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश ने तबाही मचाई हुई है। बारिश का सबसे अधिक असर असम और सिक्किम में हुआ है। दोनों ही राज्यों के कई इलाकों में बाढ़ हुई है और हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। केवल असम में ही बाढ़ से 78 हजार लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि कई लोगों की मौत भी हुई है। वहीं सिक्किम में 1500 से ज्यादा सैलानी भी फंसे हुए हैं।
पूर्वोत्तर राज्यों में पिछले 48 घंटे में बाढ़ के कारण 30 लोगों की मौत हुई है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने 31 मई की शाम को एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें बताया गया कि असम के 12 जिले के 175 गांव बाढ़ में डूबे हुए हैं। असम में बाढ़ और भूस्खलन के कारण 8 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं प्रशासन बड़े पैमाने पर राहत बचाव कार्य चला रहा है। असम में हजारों की संख्या में लोग घर छोड़कर राहत शिविरों में रह रहे हैं।
असम के बरईग्राम-दुल्लाबचेरा खंड पर पटरियों के ऊपर से पानी बहने के कारण दुल्लाबचेरा-सिलचर पैसेंजर ट्रेन को रद्द कर दिया गया है। वहीं दुल्लाबचेरा-गुवाहाटी एक्सप्रेस ट्रेन दुल्लाबचेरा के बजाय बरईग्राम से चलेगी। अधिकारियों ने बताया कि शनिवार से कामरूप जिले के चायगांव इलाके में शिंगरा शालनीबाड़ी के पास राष्ट्रीय राजमार्ग-17 का बड़ा हिस्सा छह गया है।
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सिक्किम में भी बारिश ने खूब तबाही मचाई है। शुक्रवार से ही लगातार भारी बारिश की वजह से सिक्किम में जगह-जगह जमीन धंसने की खबर आ रही है। वहीं सिक्किम के कई रास्तों पर आवाजाही ठप हो गई है। सिक्किम में चुंगथांग को लाचेन और लाचुंग से जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर कई भूस्खलन हुआ है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने रेड अलर्ट जारी किया है।
सिक्किम में फंसे पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है। उत्तरी सिक्किम में 1500 पर्यटक फंसे हुए हैं। दरअसल वहां जमीन धंसने की वजह से रास्ता बंद हो गया। सिक्किम में पर्यटकों को होटल में ही रहने की सलाह दी गई है। पुलिस के मुताबिक लगातार बारिश के कारण तीस्ता नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है।