असम की हिमंता बिस्वा सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। कैबिनेट बैठक में राज्य के विकास में स्वर्गीय रतन टाटा और टाटा समूह की भूमिका को मान्यता देने के लिए जगीरोड में इलेक्ट्रॉनिक सिटी का नाम रतन टाटा इलेक्ट्रॉनिक सिटी रखने का फैसला किया। इस फैसले के बाद सीएम हिमंता ने एक पोस्ट में कहा कि “राज्य के विकास में स्वर्गीय रतन टाटा और टाटा समूह की जबरदस्त भूमिका और योगदान की मान्यता के रूप में, असम कैबिनेट ने जगीरोड में आगामी इलेक्ट्रॉनिक सिटी का नाम रतन टाटा इलेक्ट्रॉनिक सिटी, जगीरोड रखने का फैसला किया है।”

कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता करने के बाद उन्होंने मीडिया के बातचीत में कहा कि “आज, हमने दो एमओयू को मंजूरी दे दी है, जिन पर असम में दो विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए एडवांटेज असम 2.0 में हस्ताक्षर किए गए थे। इनमें एक सिपाझार में और दूसरा तिनसुकिया में बनाया जाएगा।”

उन्होंने कहा, “असम कैबिनेट ने आज कई विधेयकों को मंजूरी दे दी है, जिन्हें असम विधानसभा में पेश किया जाएगा। जिनमें कुछ नए विश्वविद्यालय जिनमें शिवसागर विश्वविद्यालय, उत्तरी लखीमपुर विश्वविद्यालय, नागांव विश्वविद्यालय, स्वाहिद कनकलता बरुआ राज्य विश्वविद्यालय, जगन्नाथ बरूआ विश्वविद्यालय, गुरुचरण विश्वविद्यालय और बोंगाईगांव विश्वविद्यालय शामिल हैं।

राज्य सरकार संशोधन विधेयक पेश करेगी ताकि कुलपति जल्द ही नियुक्त किए जा सकें। हिमंता ने कहा कि अब से असम में किसी भी निजी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा मंजूरी की आवश्यकता होगी। उद्योगपति-परोपकारी रतन टाटा रतन टाटा का 9 अक्टूबर को 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह भारत में निजी क्षेत्र द्वारा प्रवर्तित सबसे बड़े परोपकारी ट्रस्टों में से दो, रतन टाटा ट्रस्ट और दोराबजी टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष थे। उन्हें 2008 में देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार, पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

इनपुट-एएनआई