Subhash Yadav Lalu-Rabri Regime: बिहार के विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के साले सुभाष यादव पार्टी के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकते हैं। सुभाष यादव ने हाल ही में कुछ ऐसे बयान दिए हैं, जिन्हें बीजेपी विधानसभा चुनाव में मुद्दा बना सकती है। सुभाष यादव बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के भाई हैं। सुभाष यादव बिहार विधान परिषद के सदस्य रहने के साथ ही राज्यसभा के सांसद भी रहे हैं।
सुभाष यादव लंबे वक्त तक सार्वजनिक जीवन से दूर थे लेकिन हाल ही में उन्होंने कुछ न्यूज चैनलों से लालू-राबड़ी की सरकारों के कार्यकाल के बारे में बात की है। बिहार में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं।
सुभाष यादव ने न्यूज चैनलों से बातचीत में कहा, ‘विपक्ष के नेता अपहरण के मामलों में सौदेबाजी करने के लिए मुझ पर आरोप लगाते थे लेकिन मुख्यमंत्री हाउस से ही फोन कॉल की जाती थी और मामलों को निपटाया जाता था।’ सुभाष ने कहा, ‘अगर मैं अपहरण के मामलों में शामिल होता तो मुझे भी जेल में डाल दिया जाता, जैसे लालूजी को डाला गया।’ बताना होगा कि आरजेडी प्रमुख को चारा घोटाला के मामलों में दोषी ठहराया गया था और वह लंबे वक्त तक जेल में रहे हैं। बिहार में 1990 से लेकर 2005 तक लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के नेतृत्व में आरजेडी ने सरकार चलाई थी।
भागवत ने बताया क्या चाहता है RSS; किस लक्ष्य पर काम कर रहा संघ?
सुभाष यादव ने यह भी कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में एनडीए की बिहार में भारी जीत होगी। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव एक मौसमी राजनेता हैं। सुभाष यादव ने कहा कि लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य की शादी में मेहमानों के स्वागत के लिए पटना के शोरूमों को नई कारें देने के लिए मजबूर किया गया। सुभाष यादव पहले भी इस तरह के आरोप लगा चुके हैं।
2010 में जब लालू प्रसाद यादव के बेटे राजनीति में आए तो सुभाष यादव ने लालू से संबंध तोड़ लिए थे। दिलचस्प बात यह है कि एक वक्त में सुभाष यादव को लालू यादव का करीबी माना जाता था। दूसरी ओर तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आरजेडी ‘बाहुबली’ और ‘अराजक’ छवि को मिटाने के लिए काम कर रही है।
‘सामाजिक न्याय’ की पिच पर आगे बढ़ रही कांग्रेस, AICC की नई लिस्ट में OBC चेहरों को तरजीह
दिल्ली में मिली जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 फरवरी को भागलपुर आने वाले हैं और इसे बिहार में बीजेपी के चुनाव अभियान को शुरू किए जाने के रूप में देखा जा रहा है। आरजेडी को इस बात का डर है कि प्रधानमंत्री मोदी सुभाष यादव के बयान को लेकर उस पर हमला बोल सकते हैं।
सुभाष यादव के बयान को जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता और एमएलसी नीरज कुमार ने लपक लिया। नीरज कुमार ने कहा कि अगर लालू प्रसाद यादव सुभाष यादव के खिलाफ मानहानि का मुकदमा नहीं करते हैं तो यह इस बात का सबूत होगा कि सुभाष यादव लालू-राबड़ी शासन काल के काले दिनों की सच्चाई बयां कर रहे हैं। दूसरी ओर, आरजेडी के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि सुभाष यादव के आरोप साजिश का हिस्सा हैं।
महाराष्ट्र कांग्रेस के नए अध्यक्ष की नियुक्ति से बड़े नेता ‘नाखुश’, खुद को फिर से खड़ा कर पाएगी पार्टी?
बीजेपी नेता और बिहार के श्रम मंत्री संतोष कुमार सिंह कहते हैं कि लालू-राबड़ी के शासनकाल के दौरान उनके बेटे का अपहरण हुआ था और बेटे की सुरक्षित बरामदगी के लिए उन्हें आरजेडी के नेता के पास जाना पड़ा था।
अगस्त, 1997 में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाई कोर्ट ने बिहार में कानून और व्यवस्था के हालात को बताने के लिए ‘जंगल राज’ शब्द का इस्तेमाल किया था। तब से इस शब्द को लालू-राबड़ी शासन के साथ जोड़ा जाता रहा है। सुभाष यादव के बयानों के बाद विधानसभा चुनावों से पहले यह शब्द फिर से सामने आ रहा है।
27 जनवरी, 2005 को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भागलपुर में एक चुनावी सभा में पूछा था- मेरा किसलय कहां है? पटना के 14 साल के लड़के किसलय का अपहरण हो गया था। हालांकि बाद में किसलय को समस्तीपुर से ढूंढ लिया गया था। इसके कुछ दिन बाद जब बिहार में वोटिंग हुई तो आरजेडी सत्ता से बाहर हो गई थी और तब से वह अपने दम पर राज्य में सरकार नहीं बना पाई है।
यह भी पढ़ें- ‘कुंभ बिल्कुल फालतू है, इसका कोई मतलब नहीं’, भगदड़ के बाद बोले लालू यादव