बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की चुनावी नैया को प्रवासी बिहारी पार लगाएंगे। दरअसल, देश में रह रहे प्रवासी बिहारियों की संख्या चार करोड़ है। भाजपा के कार्यकर्ता, अखिल भारतीय भोजपुरी परिषद के साथ मिल कर ऐसे बिहारियों से सघन संपर्क कर रहे हैं। उनका सम्मेलन किया जाएगा। इसमें प्रवासी लोगों के समक्ष भाजपा की फिजा बनाई जाएगी। साथ ही आने वाले समय में उन्हें बिहार ले जाने की योजना भी हैं।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बिहार चुनाव में इंडिया गठबंधन को कांटे की टक्कर देने के लिए ठोस योजना बनाई है। पार्टी ने देश भर में रह रहे प्रवासी बिहारियों से सघन जनसंपर्क शुरू किया है। उत्तर प्रदेश में रह रहे बिहारियों से संपर्क के लिए सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। इस बात की ताकीद अखिल भारतीय भोजपुरी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभुनाथ राय ने की। उन्होंने कहा कि गोरखपुर, वाराणसी और लखनऊ में ऐसे सम्मेलन किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनसे कहा है कि वे प्रवासी बिहारियों से संपर्क करें।

उन्होंने बताया कि देश भर में रह रहे प्रवासी बिहारियों की संख्या चार करोड़ है। भारतीय जनता पार्टी, सभी प्रवासी बिहारियों से संपर्क स्थापित कर रही है। प्रदेश के 27 जिले ऐसे हैं, जहां भोजपुरी बोली जाती है। सूत्रों के मुताबिक इन जिले के भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि वे प्रवासी बिहारियों के साथ संपर्क स्थापित करें। इस बाबत भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी कहते हैं, भाजपा बिहार चुनाव के मद्देनजर प्रवासी बिहारियों के संपर्क में है। उत्तर प्रदेश में उनके सम्मेलन किए जाएंगे।

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प्रभुनाथ राय कहते हैं, बिहार में पांच भषाएं बोली जाती हैं। इनमें मैथिल, भोजपुरी, अंटिता, भगही और बज्जुका शामिल हैं। इन पांच भाषाओं में से सिर्फ भोजपुरी भाषा को ही राष्ट्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त है, जबकि चार भाषाओं को संवैधानिक दर्जा प्राप्त नहीं हुआ है। इन चार भाषाओं को भी संवैधानिक दर्जा दिलाने की मांग लगातार बिहार में उठती रही है। इन भाषाओं को भी इनका गौरव दिलाने के प्रयास जारी हैं।

बिहार के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी पूरी मजबूती से मतदाताओं तक अपनी पैठ जमा सके, इसके लिए प्रवासी बिहारियों का इस्तेमाल किया जाएगा। राय के मुताबिक इन चार करोड़ प्रवासी बिहारियों को चुनाव के पहले बिहार ले जाया जाएगा, ताकि वे वहां पहुंच कर अपने परिवार और नाते-रिश्तेदारों के बीच भाजपा की फिजा बनाएं और उन्हें 11 साल में केंद्र की मोदी सरकार के कामकाज के बारे में जागरूक कर सकें।

बिहार से 27 देशों में गए बिहारियों के लिए भी भाजपा ने योजना बनाई है। पार्टी के वरिष्ठ सूत्र बताते हैं कि भाजपा का अंतराष्ट्रीय संगठन ऐसे बिहारियों के संपर्क में है। उन्हें इस बात के लिए जागरूक किया जा रहा है कि वे बिहार में रह रहे अपने परिजनों को भाजपा सरकार के बारे में जानकारी दें ताकि बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को इसका लाभ मिल सके।